सूरज की तल्खी अप्रैल के मध्यान्ह में ही जबरदस्त तरीके से अपने तेवर दिखा रही है।
चित्रकूट•Apr 20, 2018 / 12:25 pm•
Mahendra Pratap
बैलगाड़ियों में पानी लाने की तैयारी हो रही होती है
जीती जागती तस्वीरें पाठा में भोर की पौ फटने के साथ दिखने लग जाती है।
हैंडपंपों के पास एकत्रित बाल्टियों की रस्साकशी हो रही होती है।
सूरज की तल्खी अप्रैल के मध्यान्ह में ही जबरदस्त तरीके से अपने तेवर दिखा रही है।
अप्रैल के महीने में ही तो अगले दो महीनों मई और जून का तकाजा लगाया जा सकता है।
पानी की कीमत समझ तब आती है जब इंसानों और बेजुबानों द्वारा एक बूंद पानी के लिए जद्दोजहद करते देखी जाती है।
सूखे कंठ को तर करने के लिए बेजुबान भी संघर्ष करते देखे जा सकते हैं।
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