योजना के तहत महिलाओं को अपनी भागीदारी बढ़ाने और उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के लिए आवास की सुविधा दी जाएगी। प्रदेश के प्रत्येक संभाग में 100 और प्रत्येक जिले में 50 महिलाओं के लिए आवास की व्यवस्था की जाएगी। भविष्य में आवश्यकता अनुसार इस संख्या में वृद्धि की जा सकती है। योजना के अंतर्गत कामकाजी महिलाएं 3 साल तक निवास की सुविधा प्राप्त कर सकती हैं।
यदि कोई महिला अच्छा व्यवहार रखती है तो इसे 1-1 वर्ष की वृद्धि समिति की अभिशंसा पर जिला कलक्टर की सहमति पर अधिकतम दो वर्ष तक की जा सकेगी। अधिकतम 5 साल तक वे इस सुविधा का लाभ ले सकती है। योजना का संचालन महिला एवं बाल विकास विभाग और भारत सरकार की ओर से पीपीपी मोड पर किया जाएगा।
योजना का मुख्य उद्देश्य कामकाजी महिलाओं के लिए सुरक्षित आवास की सुविधा देना है। ताकि, वे कार्यस्थल पर और समाज में सशक्त बन सके। साथ ही आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो सके। निवास में रहते हुए महिला का वेतन 50 हजार रुपए से अधिक होने की स्थिति में 6 माह के अंदर निवास खाली करना होगा।
पात्रता और मापदंड
कामकाजी महिला निवास योजना में उन महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। जो किसी सरकारी, गैर सरकारी या निजी संस्थान में काम करती हैं। इसके अलावा अल्प आय वर्ग की महिलाएं, जो स्वयं का व्यवसाय करती हैं, भी इस योजना के अंतर्गत पात्र होंगी।
यह होगी शर्तें
-महिला का कार्यस्थल नगर पालिका, नगर निगम या नगर परिषद क्षेत्र में होना चाहिए। -महिला का स्वयं या पति, माता-पिता का आवास नहीं होना चाहिए। -महिला का मासिक वेतन 50 हजार रुपए से कम होना चाहिए। -महिला की उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। -वंचित वर्ग की महिला जैसे विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा एवं शारीरिक रूप से अक्षम महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
यह देने होंगे दस्तावेज
-आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड एवं राशन कार्ड। -कार्यस्थल का आइडी कार्ड और नियोक्ता की ओर से प्रमाण पत्र। -वेतन स्लिप या स्वयं के व्यवसाय का आय घोषणा पत्र।