scriptHanuman Jayanti 2025: राजस्थान का एकमात्र मंदिर, जहां दाढ़ी-मूंछ वाले हनुमान जी के होते हैं दर्शन; जानें अनोखा इतिहास | Hanuman Jayanti 2025 What is history of famous Salasar Balaji temple of Rajasthan | Patrika News
चूरू

Hanuman Jayanti 2025: राजस्थान का एकमात्र मंदिर, जहां दाढ़ी-मूंछ वाले हनुमान जी के होते हैं दर्शन; जानें अनोखा इतिहास

Hanuman Jayanti 2025: राजस्थान के धोरों में स्थित सालासर बालाजी धाम इन दिनों भक्ति और श्रद्धा के रंग में रंगा नजर आ रहा है।

चूरूApr 11, 2025 / 05:52 pm

Nirmal Pareek

Salasar Balaji Dham

Salasar Balaji Temple

Hanuman Jayanti 2025: राजस्थान के धोरों में स्थित सालासर बालाजी धाम इन दिनों भक्ति और श्रद्धा के रंग में रंगा नजर आ रहा है। हनुमान जयंती के अवसर पर यहां तीन दिवसीय लक्खी मेले की शुरुआत हो चुकी है, जो 12 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा के दिन समाप्त होगी। देशभर से लाखों श्रद्धालु इस अनोखे मंदिर में दाढ़ी-मूंछ वाले हनुमान जी के दर्शन के लिए उमड़ रहे हैं।
दरअसल, मंदिर को कई शहरों के कलाकारों द्वारा खुशबूदार फूलों से विशेष रूप से सजाया गया है। पूरा परिसर भक्तिमय माहौल से सराबोर है। भक्तों की सुविधा और सुरक्षा के लिए सालासर को नो व्हीकल एंट्री, नो पार्किंग और नो वेंडर जोन घोषित किया गया है। 180 से अधिक सीसीटीवी कैमरे, 700 निजी सुरक्षा गार्ड और सैकड़ों पुलिसकर्मी सुरक्षा की कमान संभाले हुए हैं।

गर्मी में भी श्रद्धालुओं के लिए ठंडी राहत

बता दें, श्रद्धालुओं को गर्मी से राहत देने के लिए 6 किलोमीटर लंबी रेलिंग पर टेंट, ठंडे पानी के स्टॉल, और 5 लाख से ज्यादा पानी के पाउच बांटे जा रहे हैं। सेवा समितियां, मेडिकल टीमें और स्वयंसेवक लगातार सेवा में जुटे हैं। पदयात्रियों के लिए विशेष रूट तय किया गया है ताकि भीड़ प्रबंधन बेहतर ढंग से हो सके।
हनुमान सेवा समिति अध्यक्ष सत्यप्रकाश पुजारी ने बताया कि गुरुवार को ही 50 हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। हनुमान जयंती पर यह संख्या एक लाख से पार जा सकती है। इसी को देखते हुए शुक्रवार की रात दो बजे मंदिर के पट खोल दिए जाएंगे। श्रद्धालु संत बाबा मोहनदास महाराज की समाधि और धूणे पर भी धोक लगाकर आशीर्वाद ले रहे हैं।

108 फीट के पोल पर 51 फीट की ध्वजा

बताया जा रहा है कि श्रीकृष्ण गौशाला परिसर में 108 फीट ऊंचे पोल पर 51 फीट की हनुमान ध्वजा फहराई जाएगी। इसके साथ ही शाम को भव्य आतिशबाजी भी होगी। विजय चौक सहित कई स्थानों पर भंडारों का शुभारंभ हो चुका है, जहां श्रद्धालुओं को निशुल्क प्रसाद और भोजन कराया जा रहा है।

इतिहास से जुड़ी है अनोखी मान्यता

चूरू जिले के सालासर बालाजी धाम का इतिहास भी उतना ही अद्भुत है जितनी यहां की भक्ति। मोहनदास बालाजी के भक्त थे। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर बालाजी ने इन्हें मूर्ति रूप में प्रकट होने का वचन दिया। कहा जाता है कि भक्त मोहनदास को दिया वचन पूरा करने के लिए बालाजी नागौर जिले के आसोटा गांव में 1811 में प्रकट हुए।
किदवंती है कि आसोटा में एक जाट खेत जोत रहा था तभी उसके हल की नोक किसी कठोर चीज से टकराई। उसे निकाल कर देखा तो एक पत्थर था। जाट ने अपने अंगोछे से पत्थर को पोंछकर साफ किया तो उस पर बालाजी की छवि नजर आने लगी। इतने में जाट की पत्नी खाना लेकर आई। उसने बालाजी के मूर्ति को बाजरे के चूरमे का पहला भोग लगाया। यही कारण है कि सालासर बालाजी को चूरमे का भोग लगता है।
कहते हैं कि जिस दिन जाट के खेत में यह मूर्ति प्रकट हुई उस रात बालाजी ने सपने में आसोटा के ठाकुर को अपनी मूर्ति सलासर ले जाने के लिए कहा। दूसरी तरफ बालाजी ने मोहनदास को सपने में बताया कि जिस बैलगाड़ी से मूर्ति सालासर पहुंचेगी उसे सालासर पहुंचने पर कोई नहीं चलाए।
जहां बैलगाड़ी खुद रुक जाए वहीं मेरी मूर्ति स्थापित कर देना। मूर्ति को उस समय वर्तमान स्थान पर स्थापित किया गया। पूरे भारत में एक मात्र सालासर में दाढ़ी मूछों वाले हनुमान यानी बालाजी स्थापित हैं। इसके पीछे मान्यता यह है कि मोहनदास को पहली बार बालाजी ने दाढ़ी मूंछों के साथ दर्शन दिए थे।

देशभर से उमड़ा आस्था का सैलाब

गौरतलब है कि चैत्र नवरात्र की शुरुआत से अब तक 5 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं और हनुमान जयंती पर यह आंकड़ा कई गुना बढ़ने की संभावना है। सालासर बालाजी धाम आज केवल राजस्थान ही नहीं, बल्कि पूरे भारत की आस्था का केन्द्र बन गया है।

Hindi News / Churu / Hanuman Jayanti 2025: राजस्थान का एकमात्र मंदिर, जहां दाढ़ी-मूंछ वाले हनुमान जी के होते हैं दर्शन; जानें अनोखा इतिहास

ट्रेंडिंग वीडियो