इतना ही नहीं कहीं-कहीं तो रेट आंख बंद कर 100 से 300 प्रतिशत तक बढ़ा दी गई है जो न केवल चूरू जिले अपितु प्रदेश में अनूंठा उदाहरण साबित होगा। जानकारों की माने तो डीएलसी की दरो में अनेक स्थानो पर विसगतियां नजर आ रही है। अनेक ऐसी गलियां है जहां पर डीएलसी दरें मुख्य व बाजारों के समान कर दी गई है। जबकि वहां के भूखण्डों की वास्तविक प्रस्तावित आवासीय व व्यवसायिक दरो में चार से 10 गुना अन्तर है।
इसलिए दरों में अन्तर
सूत्रों के अनुसार अप्रत्यक्ष फायदा प्राइवेट कॉलानाईजरों की जनप्रतिनिधियों व आला अफसरों से सीधी जान पहचान-पहुंच होने के कारण उनकी अधिकृत कॉलोनियों क्षेत्र में डीएलसी दरें कम रखी जाती है। माफिया प्रोपर्टी डीलर अनेक कॉलोनियां काटकर बिना विकसित किए ही भूखण्ड बेच रहे है लेकिन जिम्मदार इस पर चुप्पी साधे है।
पंजीयन कराने की डीएनसी दरें अलग-अलग
जानकारी के अनुसार मालिकाना हक के लिए दुकान, मकान या भूखण्ड की रजिस्ट्री कराने के लिए डीएलसी दरें अलग-अलग एरिया की अलग-अलग निर्धारित की गई है। डीएलसी दरें निर्धारित करने के लिए कई माह पहले जिला प्रशासन की गठित समिति की बैठक हुई थी। राजस्व अर्जित के लिए सरकार ने डीएलसी दरों में इस बढ़ोतरी को हरी झंडी दी है। इलाके में भले ही प्राईवेट कॉलोनियां अथवा घनी आबादी के भूखण्ड 50 लाख से एक करोड़ रुपए में बिक रहे है। जबकि इनकी रजिस्ट्री महज 20 लाख रुपए के आसपास हो रही है अर्थात रजिस्ट्री दस्तावेजों में वास्तविक कीमत का इन्द्राज नहीं किया जाता है। इसकी बड़ी वजह डीएलसी दरें है।
300 प्रतिशत तक बढ़ोतरी
सालासर चुंगी नाका से बोबासर ग्राम की सीमा तक के एरिया में 300 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई। ऐसी बढ़ोतरी जिले में शायद ही कही ओर हुई हो। जबकि राज्य सरकार ने 15 से 25 प्रतिशत तक राजस्व बढ़ाकर अर्जित करने के प्रस्ताव चाहे थे। फिर भी सुजानगढ़ में अजब ही खेल खेला जा रहा है। इसी प्रकार वार्ड 6, 7 रेलवे फाटक से चांदबास होकर मेगा हाईवे तक 150 प्रतिशत बढ़ोतरी की गई है। कृषि मंडी, सालासर चुंगी नाके से बोबासर की सीमा तक पहले 921 रुपए थी जो अब 3500 रुपए कर दी गई है। इसी प्रकार चांद बास रोड़-मेगा हाईवे तक पहले 1452 रुपए दर थी जो अब 3500 रुपए कर दी गई है।
ऐसा ही नमूना डॉ. छाबड़ा व घोड़ेला मार्केट गली का है जहां गत वर्ष दर 28 हजार 215 रुपए थी जबकि अब 54 हजार 100 रुपए कर दी गई है जो लगभग शतप्रतिशत बढ़ोतरी है। आथूणा बाजार से समृद्धी प्लाजा तक पहले 26 हजार 329 रुपए थी जो अब 54 हजार 600 रुपए कर दी गई है। ऐसी बढ़ोतरी शायद ही अन्य इलाकों में मिले।
इनका-कहना
पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग ने डीएलसी दरों में इजाफा किया है। इससे सरकार को राजस्व प्राप्तियां हो सकेगी। पिछली बार के मुकाबले इस बार दरों में मामूली बदलाव किया है। राजूदेवी, उपपंजीयक, तहसील कार्यालय सुजानगढ़।