घटना के अनुसार, शाहरुख पुत्र मोहम्मद सैयद मुहर्रम के ताजियों के जुलूस में शामिल होने के बाद रात करीब 11 बजे घर लौट रहा था। सफेद घंटाघर के पास सब्जी मंडी पार्क में उसकी कुछ युवकों से कहासुनी हो गई। इसके बाद 10-15 युवकों के समूह ने लाठी-सरियों से शाहरुख पर जानलेवा हमला किया। गंभीर रूप से घायल शाहरुख को डीबी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। उसके सिर और शरीर पर कई गंभीर चोटें थीं।
कोतवाली थाने में हत्या का मामला दर्ज
शाहरुख के ताऊ कादर चौहान की शिकायत पर कोतवाली थाने में हत्या का मामला दर्ज किया गया। एसपी जय यादव ने इस मामले को गंभीरता से लिया और तत्काल खुलासे के निर्देश दिए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लोकेन्द्र दादरवाल और वृत्ताधिकारी सुनील कुमार झाझड़िया के मार्गदर्शन में थानाधिकारी सुखराम चोटिया के नेतृत्व में तीन विशेष पुलिस टीमों का गठन किया गया। इन टीमों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया, सीसीटीवी फुटेज खंगाले और एफएसएल टीम से साक्ष्य एकत्र किए। साइबर और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने हमलावर समूह का पता लगाया।जांच में सामने आया कि हत्या में तीन वयस्क और आठ बाल अपचारी शामिल थे।
आठ बाल अपचारियों को निरुद्ध किया
पुलिस ने मुख्य आरोपियों इस्लाम पुत्र असलम, पिंटू लुहार पुत्र विनोद कुमार (18) निवासी गायत्री नगर, और शोयब पुत्र मोहम्मद आरिफ (18) निवासी छिपों की मस्जिद, चूरू को गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही आठ बाल अपचारियों को निरुद्ध किया गया। मृतक का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया गया और मामले की विस्तृत जांच जारी है। इस जटिल मामले को सुलझाने में कोतवाली थाने के एसएचओ सुखराम चोटिया, हेड कांस्टेबल सुभाष चंद्र, राजेश कुमार, कांस्टेबल सुनील कुमार, राकेश कुमार, मनोज कुमार, नवीन कुमार, कुलदीप भाकर, विकास कुमार, चालक अमजद, डीएसटी से पुष्पेंद्र और महिला थाने से मुकेश कुमार ने अहम भूमिका निभाई। यह घटना समाज में युवाओं के बीच बढ़ती हिंसा और उनके भविष्य पर पड़ने वाले दुष्परिणामों को उजागर करती है।