पात्र पशुपालक ई-मित्र केन्द्र पर जाकर पंजीकरण करवा सकते हैं। पंजीकरण 12 जनवरी तक होंगे। बीमा के लिए लॉटरी से पशुपालकों का चयन किया जाएगा। गोपाल क्रेडिट कार्ड धारक व लखपति दीदी पशुपालकों को चयन में प्राथमिकता दी जाएगी। एससी/एसटी के लिए क्रमश: 16 व 12 प्रतिशत आरक्षण का भी प्रावधान है। यह बीमा एक वर्ष के लिए किया जाएगा व पशुपालक को इसके लिए कोई प्रीमियम नहीं देना होगा।
पशुपालक को देनी होगी सूचना
बीमा राशि का निर्धारण पशु की नस्ल, उम्र व दुग्ध उत्पादन क्षमता के आधार पर किया जाएगा, लेकिन किसी भी स्थिति में बीमा की अधिकतम राशि 40 हजार रुपए से अधिक नहीं होगी। पशुपालक की ओर से पशु की बिक्री या उपहार में दिए जाने की स्थिति में बीमा पॉलिसी समाप्त मानी जाएगी। बीमित पशु की मृत्यु होने पर पशुपालक को शीघ्र ही इसकी सूचना बीमा विभाग को देनी होगी। प्रत्येक डा. को 5 पशुओं व एलएसए को 10 पशुओं का बीमा प्रतिदिन कराने का लक्ष्य दिया गया है। ये पशुपालक होंगे पात्र
पहले 5 लाख दुधारू गाय व भैंस, 5 लाख भेड़-बकरी तथा एक लाख उष्ट्रवंशीय पशुओं का बीमा होगा। जनाधार कार्ड धारक पशुपालक इसके पात्र होंगे। बीमा विभाग के ऐप या सॉटवेयर पर आवेदन करना होगा।
पशुओं की उम्र निर्धारित
बीमा के लिए गाय की उम्र 3 से 12 वर्ष व भैंस की चार से 12 वर्ष होनी चाहिए। इसी प्रकार बकरी व भेड़ की उम्र 1 से 6 वर्ष व ऊंट की उम्र 2 से 15 वर्ष होनी चाहिए। योजना का क्रियान्वयन राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग करेगा। पशुपालन विभाग नोडल विभाग होगा।
तिथिवार होंगे कार्यक्रम
पशुओं की बीमा कराने के लिए ग्राम पंचायत एवं राजस्व गांव में तिथिवार कार्यक्रम होंगे। इसकी सूचना एसएमएस या अन्य माध्यम से देंगे। पशुपालक को मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से बीमा पॉलिसी का लिंक प्राप्त होगा।
पशुओं की टैगिंग जरूरी
बीमा के लिए पशुओं की टैगिंग अनिवार्य है। चयनित पशुपालक के अधिकतम दो दुधारू पशु तथा 10 बकरी या 10 भेड़ या एक वंश पशु का निशुल्क बीमा किया जाएगा। यह बीमा उन्हीं पशुओं का होगा जो किसी अन्य योजना के तहत बीमित नहीं हैं। इनका कहना है जिले में 67 हजार पशुओं का बीमा करने का लक्ष्य विभाग से मिला है। इसलिए सभी चिकित्सकों व एलएसए को लक्ष्य आंवटित कर पाबंद किया है। पशुपालकों के लिए यह लाभकारी योजना है। डा. ओमप्रकाश संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग, चूरू