मेरे लिए बढ़ती उम्र का कोई मतलब नहीं- ख्वाजा
उस्मान ख्वाजा ने आईसीसी डिजिटल को बताया कि मेरे लिए बढ़ती उम्र का कोई मतलब नहीं। अगर मैं अभी भी अपने खेल का लुत्फ उठा रहा हूं। अभी भी वास्तव में कड़ी ट्रेनिंग कर रहा हूं, मैं अभी भी रन बना रहा हूं, अभी भी टीम में अपना योगदान दे रहा हूं तो मेरे अंदर अभी भी भूख है।
‘जब संन्यास का समय आएगा तो…’
उन्होंने आगे कहा कि मैं वास्तव में कुछ भी अलग नहीं सोचता। मैं इस समय अपने क्रिकेट का आनंद ले रहा हूं। जिस चीज की शुरुआत होती है, उसका अंत भी होता है। मुझे नहीं पता कि वह अंत कब होगा। जब संन्यास का समय आएगा तो मैं शालीनता से ऐसा करूंगा, चाहे वह कुछ भी हो। सलामी जोड़ीदार को लेकर कही ये बात
अनुभवी सलामी बल्लेबाज ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में अपने सलामी जोड़ीदार को लेकर कहा कि ओपनिंग करना बहुत कठिन है। मुझे इस बात की चिंता है कि गेंद मेरे लिए कैसी होगी और मुझे क्या करना होगा। इसके विपरीत मेरे साथ ओपनिंग करने वाला कोई भी खिलाड़ी बिल्कुल यही सोच रहा होगा। हम इस पर साथ मिलकर काम कर रहे हैं कि विपक्षी गेंदबाजी आक्रमण को कैसे कमजोर करेंगे। इससे मेरे खेल में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं आया है।
लाबुशेन और कोंस्टास कौन होगा दूसरा ओपनर?
ऑस्ट्रेलिया ने पिछले साल की शुरुआत में डेविड वॉर्नर के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद से ख्वाजा के साथ स्टीव स्मिथ, नाथन मैकस्वीनी, ट्रेविस हेड और सैम कोंस्टास को आजमाया है। फिलहाल ऑस्ट्रेलियाई टीम दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एकमात्र टेस्ट के लिए हमेशा की तरह नंबर-3 मार्नस लाबुशेन को क्रम में ऊपर भेजने पर भी विचार कर रही है। लाबुशेन और कोंस्टास दोनों लंदन में हैं और प्रोटियाज के खिलाफ ओपनर की भूमिका निभाने के लिए आमने-सामने की लड़ाई में हैं।