इस विवाद पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर साइमन डुल और अनुभवी कमेंटेटर हर्षा भोगले ने केकेआर को सलाह दी कि अगर पिच उनकी जरूरतों के अनुसार तैयार नहीं होती, तो उन्हें कोलकाता को अपना होम ग्राउंड छोड़ देना चाहिए।
इन टिप्पणियों से नाराज़ क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (CAB) ने बीसीसीआई को पत्र लिखकर डुल और भोगले को ईडन गार्डन्स में कमेंट्री से प्रतिबंधित करने की मांग की है। रिपोर्ट के अनुसार, CAB का मानना है कि दोनों कमेंटेटरों ने पिच को लेकर भ्रामक और अनुचित बयान दिए हैं।
डुल का बयान: साइमन डुल ने क्रिकबज़ से बातचीत में कहा, “अगर मैदान की देखरेख करने वाला व्यक्ति टीम की ज़रूरतों पर ध्यान नहीं देता, तो टीम को उस मैदान को छोड़कर दूसरी जगह जाना चाहिए। क्यूरेटर का काम है पिच तैयार करना, न कि रणनीतिक सुझाव देना। उन्हें वही करना चाहिए जो टीम कहती है।”
हर्षा भोगले की प्रतिक्रिया: हर्षा भोगले ने भी अपनी राय देते हुए कहा कि रहाणे ने कोई अत्यधिक स्पिन-अनुकूल पिच की मांग नहीं की थी, बल्कि बस ऐसी सतह चाहते थे जो स्पिनरों की थोड़ी मदद कर सके। उन्होंने कहा, “गौतम गंभीर की कप्तानी में केकेआर ने 2012 और 2014 में ईडन की स्पिन-अनुकूल पिचों पर ही दो खिताब जीते थे।”
भोगले ने आगे कहा, “अगर टीमें अपने घरेलू मैदान पर खेल रही हैं, तो उन्हें वहां ऐसी पिच मिलनी चाहिए जो उनके खिलाड़ियों की ताकत के अनुकूल हो। मैं कोई लो-स्कोरिंग पिच नहीं मांग रहा हूं, बल्कि ऐसी पिच चाहता हूं जो घरेलू टीम को फायदा दे। आईपीएल जैसे टूर्नामेंट में होम एडवांटेज होना ज़रूरी है, इससे प्रतियोगिता और भी रोमांचक बनती है।”