वेंकटेश बनाम यानसेन
केकेआर के वेंकटेश अय्यर का प्रदर्शन इस सीजन काफी निराशाजनक रहा है। 6 पारियों में उनके तीन सिंगल-डिजिट स्कोर और गुजरात टाइटंस के खिलाफ 19 गेंदों पर 14 रन की पारी खेलकर निराश किया है। पंजाब के तेज गेंदबाज मार्को यानसेन उनके लिए बड़ा खतरा हो सकते हैं, जिन्होंने चार पारियों में तीन बार उन्हें आउट किया है। यानसेन के खिलाफ वेंकटेश का औसत मात्र 4.67 है और इस सीजन यानसेन बीच के ओवरों में भी गेंदबाजी कर रहे हैं। इन दोनों की भिड़ंत एक बार फिर देखने लायक होगी।
श्रेयस बनाम रसेल
दूसरी ओर श्रेयस ने इस सीजन की शुरुआत शानदार की, लेकिन बाद में कुछ पारियों में वे नाकाम रहे। साथ ही कोलकाता नाइट राइडर्स के आंद्रे रसेल का प्रदर्शन भी बल्ले और गेंद से औसत रहा है, लेकिन श्रेयस के खिलाफ उनका रिकॉर्ड अच्छा है। रसेल ने 9 मैचों में श्रेयस को 5 बार आउट किया और श्रेयस उनके खिलाफ 12.6 की औसत से केवल 63 रन बना पाए हैं।
युजवेंद्र चहल की शानदार वापसी
पंजाब किंग्स के युजवेंद्र चहल इस सीजन में धीमी शुरुआत के बाद लय में लौट आए हैं। पिछले तीन मैचों में उन्होंने 7 विकेट लिए, जिनमें केकेआर के खिलाफ 4 विकेट शामिल हैं। चहल की सफलता का राज उनकी उछाल, फ्लाइट और विविधताओं का उपयोग है, जिसने पंजाब किंग्स के मध्य ओवरों के आक्रमण को मजबूत किया है।
रहाणे और रधुवंशी से बड़ी पारी की उम्मीद
केकेआर की बल्लेबाजी इस सीजन में उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी। पिछले सीजन के स्टार सुनील नरेन पूरी तरह नाकाम रहे हैं। अजिंक्य रहाणे (271 रन) और अंगकृष रघुवंशी को छोड़कर बाकी बल्लेबाजों ने निराश किया है। गेंदबाजी में हर्षित राणा (11 विकेट), वरुण चक्रवर्ती (10 विकेट) और वैभव अरोड़ा (9 विकेट) ने अच्छा प्रदर्शन किया है, और पंजाब किंग्स के खिलाफ इन पर बड़ी जिम्मेदारी होगी। प्रभसिमरन और प्रियांश से फिर शानदार आगाज की उम्मीद
पंजाब किंग्स की बल्लेबाजी में प्रभसिमरन सिंह और प्रियांश आर्य ने पावरप्ले में शानदार प्रदर्शन किया है। पंजाब किंग्स का पावरप्ले में रन रेट 10.67 है, जो सभी टीमों में सबसे बेहतर है। हालांकि, गेंदबाजी में उनके पावरप्ले में केवल 10 विकेट ही आए हैं, जो संयुक्त रूप से सबसे कम है। दोनों टीमों के मध्य-क्रम (नंबर 4 से 7) में कमजोरियां हैं। केकेआर का इस स्थान पर औसत 20.47 है, जो सबसे खराब है, जबकि पीबीकेएस की 23.90 औसत ज्यादा बेहतर नहीं है। श्रेयस अय्यर का प्रदर्शन भी घर और बाहर के मैदानों में अलग-अलग रहा है। घरेलू मैदान पर उनकी औसत केवल 6.25 है, जबकि बाहर 119 की औसत है।
बल्लेबाजों को मिलेगी मदद
ईडन गार्डंस की पिच आमतौर पर बल्लेबाजी के लिए अनुकूल होती है, लेकिन हाल के मैच में गुजरात टाइटंस के खिलाफ स्पिनरों को टर्न मिला था। ओस की संभावना के बावजूद यह वही पिच है। टॉस जीतने वाली टीम पहले बल्लेबाजी चुन सकती है। केकेआर के लिए यह मैच ‘करो या मरो’ जैसा है, जबकि पंजाब किंग्स अपनी स्थिति को और मजबूत करना चाहेगी। यह मुकाबला रोमांचक होने की पूरी उम्मीद है।
ईडन गार्डंस में केकेआर का पलड़ा भारी
दोनों टीमों के बीच हेड-टू-हेड रिकॉर्ड की बात करें तो केकेआर का पलड़ा भारी रहा है। अब तक 34 मैचों में केकेआर ने 21 बार जीत हासिल की है, जबकि पंजाब किंग्स को 13 बार सफलता मिली है। ईडन गार्डन्स में भी केकेआर का रिकॉर्ड शानदार है, जहां उन्होंने 13 में से 9 मुकाबले जीते हैं। हालांकि, हाल के कुछ मुकाबलों में पंजाब किंग्स ने बाजी मारी है।