दरअसल, 2014 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई भारतीय टीम को शुरुआती मुकाबले में ही झटका लगा था, क्योंकि कप्तान धोनी उस मुकाबले में अंगूठे की चोट की वजह से नहीं खेल पाए थे। उस मुकाबले में विराट कोहली ने भारतीय टीम का नेतृत्व किया था, जिसमें भारत को 48 रन से हार का सामना करना पड़ा था। हालाकि ब्रिस्बेन टेस्ट मैच में चोट से उबरने के बाद महेंद्र सिंह धोनी की वापसी हुई, लेकिन यह भी मुकाबला भारत ने 4 विकेट से गंवा दिया।
इसके बाद एमएल धोनी मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी बार बतौर कप्तान और खिलाड़ी मैदान पर उतरे। भारत मेलबर्न टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया से ड्रॉ कराने में सफल रहा था। हालाकि सीरीज का आखिरी टेस्ट मैच सिडनी में भारत ने विराट कोहली की कप्तानी में खेला। भारत और ऑस्ट्रेलिया का यह मुकाबला ड्रॉ रहा और मेजबान टीम ने सीरीज पर 2-0 से कब्जा जमाने में कामयाब रही।
किसी को भी नहीं लगी थी भनक
रवि शास्त्री ने उस दिन को याद करते हुए बताया था कि ड्रेसिंग रूम में एमएस धोनी के संन्यास को लेकर किसी को भनक नहीं थी कि वह मेलबर्न टेस्ट मैच के बाद इस फॉर्मेट को अलविदा कह देंगे। मेलबर्न टेस्ट मैच के बाद भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी में आखिरी टेस्ट मैच खेला जाना था, लेकिन कैप्टन कूल ने स्पष्ट कर दिया था कि आखिरी टेस्ट मैच का हिस्सा नहीं होंगे। 6 से 10 जनवरी तक आखिरी टेस्ट मैच खेला जाना था और इस मैच के लिए विराट कोहली ने भारतीय टीम का नेतृत्व किया। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया यह मुकाबला ड्रॉ रहा था।
बतौर कप्तान टेस्ट करियर
महेंद्र सिंह धोनी बतौर कप्तान 60 मैचों में भारतीय टीम का नेतृत्व किया, जिसमें भारत को 27 मैच में जीत नसीब हुई। इसके अलावा एमएस धोनी एक मात्र भारतीय कप्तान हैं जिसके नेतृत्व में भारत ने वनडे विश्व कप, टी-20 विश्व कप और चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता था। एमएस धोनी ने 15 अगस्त 2020 को क्रिकेट के सभी प्रारूप से संन्यास की घोषणा की थी।