शैफाली ने एक सप्ताह बाद बताया
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, शेफाली वर्मा ने बताया कि टीम इंडिया से बाहर होने के गम से उबरना आसान नहीं है। मैं यह नहीं बताना चाहती थी, क्योंकि टीम से बाहर होने से करीब दो दिन पहले ही मेरे पिता को दिल का दौरा पड़ा था। मैंने उनसे यह खबर तब तक छिपाई जब तक कि वे ठीक नहीं हो गए। वे अस्पताल में थे। मैंने उन्हें एक सप्ताह बाद बताया।
सबसे पहले कोच हैं पिता
बता दें कि शेफाली के सबसे पहले कोच उनके पिता संजीव वर्मा हैं, जिन्होंने अपनी बेटी के लिए सर्वश्रेष्ठ करने का फैसला किया। उन्होंने एक संरक्षक की भूमिका निभाई और उसे वर्कआउट और अभ्यास के माध्यम से मदद की और उसकी प्रतिभा को निखारा। 20 वर्षीय शेफाली का लक्ष्य अब भारतीय क्रिकेट टीम में वापसी करना है। ‘पिता सबकुछ जानते हैं’
शेफाली ने कहा कि पिता सब कुछ जानते हैं, कभी-कभी बच्चे होने के नाते हम भी अपनी ताकत भूल जाते हैं, लेकिन वे नहीं भूलते। उन्होंने मुझे बचपन के वर्कआउट और अभ्यास की याद दिलाई और मेरी मदद की। उन्होंने अपनी खेल शैली पर कहा कि मैं ऑन-ड्राइव, स्ट्रेट ड्राइव खेलती हूं और इसी पर मैंने काम किया। ये मेरी ताकत है और कभी-कभी आपको यह याद रखने के लिए उन पर काम करने की ज़रूरत होती है कि आप उनमें कितने अच्छे हैं। पिता के प्रशिक्षण ने अद्भुत काम किया।