हालांकि मुल्डर ही नहीं बल्कि टेस्ट क्रिकेट इतिहास में दो और बल्लेबाज रहे हैं जो 300 से अधिक रन बनाने के बाद नाबाद पवेलियन लौटे हैं। इंग्लैंड के वॉली हैमंड (Wally Hammond) ने 1933 में न्यूजीलैंड के खिलाफ ऑकलैंड टेस्ट में 336 रन की नाबाद पारी खेली थी। उस समय टेस्ट क्रिकेट में किसी भी बल्लेबाज द्वारा बनाया गयासबसे बड़ा स्कोर था। पवेलियन इसलिए लौटे क्योंकि इंग्लैंड की टीम ने अपनी पारी घोषित (declared) कर दी थी। उस समय इंग्लैंड का स्कोर 8 विकेट पर 548 रन था, और कप्तान ने रणनीतिक रूप से पारी समाप्त करने का फैसला किया ताकि न्यूजीलैंड को बल्लेबाजी करने का मौका मिले और मैच में नतीजा निकाला जा सके। इस तरह, हैमंड नाबाद रहे, लेकिन पारी घोषित होने के कारण उन्हें मैदान छोड़ना पड़ा।
मार्क टेलर को भी लौटना पड़ा नाबाद
1998 में ऑस्ट्रेलिया के मार्क टेलर (Mark Taylor) ने पाकिस्तान के खिलाफ 334 रन की नाबाद पारी खेली थी। उन्हें भी नाबाद पवेलियन लौटना पड़ा क्योंकि ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी 4 विकेट पर 599 रन बनाकर घोषित (declared) कर दी थी। टेलर उस समय ऑस्ट्रेलिया के कप्तान थे। उस समय टेलर का स्कोर 334 रन था, जो सर डॉन ब्रैडमैन के 1930 में बनाए गए 334 रन के टेस्ट स्कोर के बराबर था। टेलर ने जानबूझकर ब्रैडमैन का रिकॉर्ड तोड़ने की कोशिश नहीं की और पारी घोषित कर दी, जिसके कारण वह नाबाद रहते हुए पवेलियन लौट गए।
जब लारा ने खेली ती सबसे बड़ी पारी
साल 2004 में इंग्लैंड के खिलाफ वेस्टइंडीज के कप्तान ब्रायन लारा ने नाबाद 400 रनों की पारी खेली थी। उस मुकाबले में वेस्टइंडीज ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 5 विकेट गंवाकर 751 रन पर अपनी पारी घोषित कर दी थी। इंग्लैंड की टीम पहली पारी में 285 रन पर ढेर हो गई थी लेकिन दूसरी पारी मे में 422 रन तक 5 ही विकेट गिरे थे और मैच ड्रॉ हो गया था। बुलावायो में दूसरे दिन दूसरे सेशन के खत्म होने के बाद मुल्डर ने पारी घोषित कर दी, जिससे उनके गेंदबाजों को जिम्बाब्वे के 20 विकेट हासिल करने का पूरा समय मिले। शायद यही वजह है कि मुल्डर रिकॉर्ड तोड़ने के लिए आगे नहीं बढ़े।