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दमोह

लू के थपेड़ों के बीच जल संकट से जूझ रहे,मासूम बच्चे भी करते हैं मदद

दमोह शहर में पिछले 35 साल से नियमित जल सप्लाई न होने से अंतराल से जल सप्लाई होती है। अलग-अलग मोहल्लों में अलग-अलग समय है

दमोहMay 26, 2020 / 12:16 pm

rakesh Palandi

Innocent children, who are suffering from water crisis among the heat of Loo, also help
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दमोह शहर में पिछले 35 साल से नियमित जल सप्लाई न होने से अंतराल से जल सप्लाई होती है। अलग-अलग मोहल्लों में अलग-अलग समय है। कुछ क्षेत्रों में नल खोलने का समय अभी भी दोपहर 12 बजे के बाद निर्धारित है। जिससे दोपहर में नल खुलने के दौरान महिलाओं के साथ छोटे-छोटे बच्चे पानी भरते हुए नजर आते हैं।

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अंदरूनी वार्ड के लोग भरते हैं पानी शहर में पेयजल सप्लाई के लिए नई जुझारघाट परियोजना पर अब भी काम चल रहा है, जिससे दमोह शहर के लिए पानी का तो पर्याप्त भंडारण है, लेकिन घरों तक पहुंचाने की पाइप लाइन व्यवस्था अब तक नहीं हो पाई है। मंथर गति से काम चलने के कारण अभी भी लोग फिल्टर प्लांट या काफी दूर से पानी लाते हैं।

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आमचौपरा क्षेत्र हो गया ड्राई शहर से लगा आमचौपरा क्षेत्र ड्राई क्षेत्र है, यहां पानी पहुंचाने के लिए सतधरू परियोजना पर काम चल रहा है, लेकिन इसमें भी समय है, मई माह में यहां भी जल संकट से लोग जूझ रहे हैं, जिससे पहले नौ तपा के दिन भी यहां के लोग तेज दोपहर में पानी के लिए यहां वहां भटकते नजर आए।

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इस बार नहीं कर पाए पलायन तेंदूखेड़ा ब्लॉक की ग्राम पंचायत सहजपुर के गांव पांडाझिर में हर साल पानी का अकाल खड़ा हो जाता है, जिससे इस गांव के लोग अपने मवेशियों को लेकर पड़ोसी जिले जबलपुर की पाटन तहसील में पलायन कर जाते थे। वर्तमान में जबलपुर सहित पाटन में कोरोना पॉजीटिव मरीज पाए जाने से रेड जोन क्षेत्र है। सीमाएं भी सील हैं, जिससे इस गांव के लोग इस बार पलायन नहीं कर पाए हैं। गांव की महिलाएं, बच्चियां तेज गर्मी में 2 किमी जंगल के पास गलहाऊ नाला व सिद्ध पंडा बाबा की झिरिया से पानी ला रहे हैं।

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जबेरा विधानसभा क्षेत्र में जलसंकट दमोह जिले की जबेरा विधानसभा के आदिवासी बाहुल्य गांव जंगलों और पहाड़ों के बीच बसे हुए हैं। यहां आबादी का रहवास पहाड़ी क्षेत्रों में होने से जलस्तर फरवरी माह से ही नीचे चला जाता है। जिससे इस विधानसभा के 200 से अधिक गांवों में भीषण जलसंकट की स्थिति निर्मित है। महिलाएं, बच्चे तेज गर्मी में लू लपट झेलते हुए पानी की पूर्ति करते नजर आते हैं। किसान भी भर रहे टैंकर से पानी दमोह बरपटी सायलों पर करीब 5 किमी टैक्टरों की लंबी लाइन लगी हुई है। इन किसानों के लिए समाजसेवियों द्वारा टैंकरों से पानी पहुंचाया जा रहा है। जिससे तपती दोपहर में किसान भी टैंकर का पानी भरकर प्यास बुझा रहे हैं।

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