Free Electricity: तीन किलोवाट का खर्च
3 किलोवाट क्षमता के
सौर संयंत्र स्थापना के लिए अनुमानित दर अलग अलग वेंडर के पास उपलब्ध सामग्री के आधार पर 1 लाख 80 हजार तक हो सकता हैं। जिस हेतु केंद्र सरकार द्वारा 78 हजार सब्सिडी दी जाएगी। शेष राशि हितग्राही अंश राशि होगा। प्रारंभ में हितग्राही को एकमुश्त राशि देना होगा ।सब्सिडी की राशि संयंत्र स्थापना उपरांत एक माह के भीतर सीधे डीबीटी के माध्यम से हितग्राही के बैंक खाता में देय होगी।
सोलर लगने के बाद सब्सिडी की प्रक्रिया
जब सोलर प्लांट लग जाएगा और डिस्कॉम (सीएसपीडीसीएल) बाई डायरेक्शन नेट मीटर इंस्टॉल कर देगी तो इसका प्रमाण और सर्टिफिकेट पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। इसके बाद सरकार कंज्यूमर के अकाउंट में डीबीटी के तहत सब्सिडी की पूरी राशि 01 माह के भीतर ट्रांसफर कर देगी। 1 किलोवाट का सोलर प्लांट रोजाना करीब 4-5 यूनिट बिजली बनाता है। ऐसे में अगर हितग्राही 3 किलोवाट का प्लांट लगाते हैं तो रोजाना करीब 15 यूनिट बिजली बनेगी। यानी महीने में 450 यूनिट। उपभोक्ता इस बिजली का इस्तेमाल केवल दिन की अवधि में कर सकते हैं। सौर संयंत्र से बनी अतिरिक्त बिजली के उपयोग नहीं होने की स्थिति में बची हुई बिजली नेट मीटर के जरिए ग्रिड में चली जाएगी और हितग्राही को इस अतिरिक्त बिजली का प्रति माह लाभ भी मिलेगा जैसे शाम और रात में ग्रिड से सीधे उपयोग की गई बिजली से यह नेटमीटरिंग कैलकुलेशन (इनपुट यूनिट माइनस आउटपुट यूनिट) के आधार पर एक वित्तीय वर्ष की अवधि तक प्रतिमाह समायोजित की जा सकेगी।
सोलर प्लांट लगाने का कुल खर्च
इस योजना में हर परिवार के लिए 1 किलोवाट प्लांट से 2 किलोवाट प्लांट क्षमता तक के सोलर प्लांट के कुल लागत का 60 प्रतिषत राशि डीबीटी (डायरेक्ट बेनेफिसिअरी ट्रांसफर) अंतर्गत सब्सिडी के रूप मं हितग्राही के बैंक अकाउंट में संयंत्र स्थापना के 1 महीने के भीतर आ जाता हैं। वहीं अगर कोई 3 केडब्ल्यू का प्लांट लगाना चाहता है तो अतिरिक्त एक 1 किलोवाट के प्लांट पर 40 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। 3 किलोवाट का प्लांट लगाने में करीब 1.5 लाख से 2 लाख रुपए तक की कुल लागत आ सकती हैं।
उसमें से 78 हजार रुपए की सब्सिडी सरकार देगी। बचे हुए राशि के लिए सस्ते बैंक लोन 7 प्रतिशत ब्याज की दर से लोन की व्यवस्था सरकार ने की है। बैंक रेपो रेट से केवल 0.5 प्रतिशत ज्यादा ही ब्याज वसूल सकेंगे। 3 किलोवाट का प्लांट से अधिक क्षमता के संयंत्रों जैसे 4 किलोवाट या अधिक क्षमता के संयंत्रों पर अधिकतम सब्सिडी 78000 रुपये ही विद्यमान रहेगी।
सौर ऊर्जा से बिजली मिल रही है और बिल शून्य आ रहे
Free Electricity: प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना दंतेवाड़ा जिले को कुल 682 लाभार्थियों का लक्ष्य दिया गया है। इस संबंध में अब तक जिले में पंजीकृत 33 उपभोक्ताओं ने पंजीकरण कराया है, शेष लाभार्थियों तक योजना पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन लगातार जागरूकता अभियान, ग्राम सभाएं, माइक्रो प्रचार, और युवाओं की मदद से जनसंपर्क गतिविधियां चला रहा है। इस योजना से लाभान्वित ग्रामीणों का कहना है कि पहले हर महीने
बिजली बिल देने में कठिनाई होती थी, लेकिन अब सौर ऊर्जा से बिजली मिल रही है और बिल शून्य आ रहे हैं। इससे घरों का बजट संतुलित हुआ है और बचत भी हो रही है। साथ ही, सौर ऊर्जा का उपयोग होने से पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिल रहा है। ग्रामीणों को योजना की जानकारी देने के लिए स्थानीय सहायता केंद्र, हेल्पलाइन नंबर, और ऑनलाइन पोर्टल की भी सुविधा दी गई है, जिससे आवेदन प्रक्रिया सरल और पारदर्शी हो सके।
आमजनों के लिए फायदेमंद है सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना
सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की शुरुआत 13 फरवरी 2024 को हुई थी। इसके तहत 1 करोड़ घरों को 300-300 यूनिट मुफ्त बिजली मिलनी है। इस योजना के तहत रूफटॉप सोलर पैनल लगाने वाले एक करोड़ परिवारों को 15 हजार रुपए की सालाना आमदनी भी होती है। सरकार के अनुसार 27 जनवरी 2025 तक 8.46 लाख घरों को इस योजना का फायदा मिल चुका है।