कमलेश कुमार शर्मा भंडाना। राजस्थान में मानसून के आगमन से पहले ही राहतभरी खबर आई है। राजस्थान में पश्चिम विक्षोभों के चलते इस बार तापमान में गत वर्ष की तुलना में गिरावट रही। इसका परिणाम बिजली के बचत के रूप में देखने को मिला। हालांकि अप्रेल माह में गर्मी ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया था और बिजली की आपूर्ति नियमित करने के लिए निगम ने कमर कस ली थी।
दूसरे राज्यों से बिजली खरीद के कार्यक्रम भी तय हो गए थे, परंतु मई आते-आते पश्चिमी विक्षोभों के कारण बादलों की लुकाछिपी और बरसात के कारण गर्मी के तेवर ढीले पड़ गए और कूलर-एसी की आवश्यकता कम पड़ी। इससे बिजली की खपत कम हो गई।
जयपुर डिस्कॉम के दौसा सर्किल में गत वर्ष 5 से 22 मई तक के मुकाबले इस वर्ष लगभग 13.92 लाख यूनिट की बचत हो गई है। जिले में अप्रेल माह से गर्मी का दौर शुरू हो जाता है, इसके कारण बिजली की डिमांड बाद जाती है। मई अंत तक पहुंचते-पहुंचते डिस्कॉम प्रशासन को बिजली की आपूर्ति नियमित बनाए रखने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है।
बार-बार लोड शेडिंग आती है, जिससे लोगों को भीषण तापमान में परेशानी झेलनी पड़ती है। अप्रेल माह में पारा अचानक 45 डिग्री के पार पहुंच गया था, जिससे निगम के अभियंताओं के माथे पर चिंता की लकीरें आ गई थी।
मई में हर दूसरे-तीसरे दिन अंधड़, बूंदाबांदी से मौसम बदलता गया, जिससे गत वर्ष की तुलना में बिजली की मांग में कमी आई है। 220 केवी जीएसएस के अधिशासी अभियंता रमेश चंद मीना ने बताया कि तुलना में इस वर्ष बिजली की खपत मई माह में कम रही है। जीएसएस में गुणवत्ता पूर्ण सुधार से छीजत भी कम हुई है। लोगों को बिजली का बिल भी कम देना पड़ा, जिससे रुपयों की भी बचत हुई।
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फैक्ट फाइल
जिले में कुल विद्युत कनेक्शन– 325326 घरेलू बिजली उपभोक्ता– 242684 कृषि उपभोक्ता-53296 अन्य- 21770 अघरेलू कनेक्शन- 7576 कनेक्टेड लोड-1028756 .51 किलोवाट
इनका कहना है…
दो कारणों से बिजली की बचत हुई है। एक तो वर्षभर मरम्मत कार्य के चलते बिजली की छीजत कम हुई और दूसरा अहम पहलू मई माह में मौसम की मेहरबानी रही। इसके चलते पिछले वर्ष के मई माह के मुकाबले इस वर्ष अब तक 13.92 लाख से अधिक यूनिट की बचत हो चुकी है।
एमएल मीना, अधीक्षण अभियंता, दौसा सर्किल
Hindi News / Dausa / राजस्थान में पश्चिमी विक्षोभ का असर: मानसून की धमाकेदार एंट्री से पहले आई ये खुशखबरी