इसके तहत लोगों को अपनी जमीन जनाधार से लिंक करवानी होगी। इसके जरिए एक यूनिक लैंड आईडी बनाई जाएगी। हल्का पटवारी दीपक शर्मा ने बताया कि खेतों में जाकर इसके बारे में किसानों को जानकारी भी दी जा रही है। अब तक 45 प्रतिशत जमीनों को जनाधार कार्ड से लिंक कर दिया है।
अब व्यक्ति की अचल संपत्ति की रही पूरी डिटेल
इसमें उस व्यक्ति की अचल संपत्ति संबंधी पूरी डिटेल होगी। पटवारी दीपक शर्मा बताया कि रबी फसल की गिरदावरी का 1 फरवरी से 5 मार्च तक चलेगा।
ई-गिरदावरी का कार्य 1 जनवरी से शुरू हो चुका है। ई-गिरदावरी शुरू होने से पूर्व अभियान के रूप में किसानों के जनाधार खाता सीडिंग मोबाइल एप मैच किया जाना आवश्यक है। किसान अपने सभी खसरों की जमाबंदी और अपने-अपने जनाधार कार्ड लेकर हल्का पटवारी के पास में जमा करवा दें। उससे पहले सभी का जनाधार नंबर को जमाबंदी से जुड़वाना अतिआवश्यक हैं।
किसान खुद भी कर सकता है अपनी फसल की गिरदावरी
किसान को प्ले स्टोर से राज किसान गिरदावरी ऐप डाउनलोड कर जनाधार से लॉगिन करना पड़ेगा। तत्पश्चात आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर आए ओटीपी से वेरिफाई किया जाएगा। फिर फसल विवरण पर क्लिक करने के बाद जनाधार से जुड़े खसरे का ऑप्शन चुनें व खसरा सर्च करना होगा। अपना जिला, तहसील, और गांव चुनें, केलिब्रेट करने के बाद गिरदावरी सीजन और फसल चुनें। खसरे का एरिया हैक्टेयर में अंकित करें, फसल सिंचित है या असिंचित, सिंचाई का स्रोत, और पेड़ों की संख्या जैसी जानकारी दें। खेत में बोई गई फसल की तस्वीरें अपलोड करें, प्रिंट प्रिव्यू के सबमिट पर क्लिक करें। इसके बाद, पंजीकरण संख्या मिल जाएगी। इससे किसानों को पटवारियों पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं होती। किसान अपनी फसल की वास्तविक गिरदावरी करा सकते हैं।