बकरीद में बुजुर्ग ने दे दी खुद की कुर्बानी
परिजनों को बुजुर्ग के पास एक चिट्ठी भी मिली जो गला रेतने से पहले उसने लिखी थी। चिट्ठी में लिखा था कि इंसान बकरे को पाल-पोसकर कुर्बानी करता है। मैं खुद अपनी कुर्बानी अल्लाह रसूल के नाम कर रहा हूं। परिवार के मुताबिक, वह एक दिन पहले यानी शुक्रवार को अंबेडकर नगर में सुल्तान सैयद मकदूम अशरफ शाह की दरगाह से वापस लौटे थे। बुजुर्ग की पत्नी हाजरा खातून ने बताया कि ईश मोहम्मद ने सुबह मस्जिद में बकरीद की नमाज पढ़ी। इसके बाद लौट कर सीधे अपने कमरे में चले गए। थोड़ी ही देर बाद कमरे से कराहने की आवाज सुनाई देने लगी।
इलाज के दौरान गोरखपुर मेडिकल कालेज में हुई मौत
कराहने की आवाज सुन परिजन भागे हुए कमरे में पहुंचे तो वहां की स्थिति देख बदहवास हो गए। कमरे में बुजुर्ग अपना गला रेत कर मृत अवस्था में पड़े थे। पूरा फर्श खून से भरा था, पास में ही चाकू और अल्लाह के नाम की चिट्ठी भी मिली। परिजनों ने पुलिस को भी सूचना दी, देवरिया में डॉक्टरों ने गंभीर स्थिति देख गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया लेकिन बुजुर्ग की मौत हो गई। बुजुर्ग के इस काम से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है।