भगवान राम से शांता का संबंध (Shanta’s relation with Lord Ram)
धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक शांता भगवान श्री राम की बड़ी बहन थीं। हालांकि शांता का नाम प्रमुख रूप से रामायण में नहीं आता है। लेकिन फिर भी उनकी उपस्थिति महत्वपूर्ण मानी जाती है। ऐसे तो रामायण में शांता के जीवन के बारे में बहुत कम चर्चा की गई है। लेकिन उनके जन्म और परिवार के बारे में कुछ विवरण जरूर मिलते हैं। शांता का भगवान राम से भाई-बहन का रिश्ता था। शांता अयोध्यापति राजा दशरथ की पुत्री के रूम में जानी जाती थीं। शांता का विवाह राजा जबालि से हुआ था। वे उनके साथ धार्मिक कार्यों में रत रहीं।
शांता का जन्म और परिवार (Shanta’s birth and family)
शांता अयोध्या के राजा दशरथ और महारानी कौशल्या की पुत्री थीं। उनका जन्म एक विशेष घटना के रूप में हुआ था। कुछ धार्मिक किवदंतियों के अनुसार शांता को राजा दशरथ ने महर्षि वशिष्ठ की सलाह पर गोद लिया था। महर्षि वशिष्ठ ने उन्हें एक धार्मिक अनुष्ठान के दौरान प्राप्त किया और फिर राजा दशरथ को शांता को गोद लेने का सुझाव दिया। शांता का जन्म एक विशेष उद्देश्य के लिए हुआ था। ताकि वह भविष्य में समाज की भलाई के लिए कार्य कर सकें।
शांता का योगदान (Shanta’s contribution)
रामायण का हर एक किरदार समाजिक प्राणि के जीवन में अहम भूमिका निभात है। लेकिन शांता का धार्मिक जीवन और उनका परिवार के प्रति समर्पण यह दर्शाता है कि शांता समाज की भलाई और परिवार की मान्यताओं का पालन करने वाली महिला थीं। शांता की कहानी भले ही रामायण में विस्तार से नहीं बताई गई। लेकिन फिर भी भारतीय संस्कृति में उनका योगदान को सम्मानित है।