मां चंद्रघंटा आसुरी शक्तियों से रक्षा करने वाली हैं और आराधना करने वालों का अहंकार नष्ट कर उन्हें सौभाग्य, शांति और वैभव की प्राप्ति होती है। इसके अलावा ये व्यक्ति को साहस प्रदान कर, उन्हें समस्त अवगुणों से दूर रखती हैं। इन माता की कृपा से भक्त नशा जैसी चीजों को आसानी से छोड़ देता है।
मां चंद्रघंटा को प्रसन्न करने के अन्य उपाय (try navratra 3rd day remedies)
- मां चंद्रघंटा की पूजा में भूरे या ग्रे रंग की भेंट मां को अर्पित करना चाहिए, इस रंग का कपड़ा भी भक्त पहन सकते हैं। साथ ही सुनहले रंग का वस्त्र पहनकर पूजा करने से भी मां की कृपा पाई जा सकती है।
- देवी माता के इस स्वरूप को दूध, मिठाई, शहद और खीर का भोग लगाना चाहिए। इसके अलावा इस दिन कन्याओं को भी खीर, हलुआ और मिठाई खिलानी चाहिए। इससे माता चंद्रघंटा की कृपा प्राप्त होती है और हर बाधा दूर होती है।
मां चंद्रघंटा की पूजा विधि
वाराणसी के पुरोहित पं. शिवम तिवारी के अनुसार देवी मां के इस स्वरूप की पूजा मुख्य रूप से दो मंत्रों से की जाती है। माना जाता है कि भक्तों को इनकी पूजा करते समय इनके मंत्र का जाप कम से कम 11 बार करना चाहिए। इसके लिए नीचे लिखी विधि अपनाएं..
मंत्र: 1- पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥
मंत्र: 2- या देवी सर्वभूतेषु मां चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ ये भी पढ़ेंः Shardiya Navratri 2024: कलश स्थापना करने वाले भूलकर भी न करें ये 5 गलती, माता रानी हो जाएंगी नाराज
अब इस विधि से करें पूजा
- नवरात्रि के तीसरे दिन माता की चौकी पर मां चंद्रघंटा की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
- गंगा जल या गोमूत्र से पूजा स्थल को शुद्ध करने के बाद चौकी पर चांदी, तांबे या मिट्टी के घड़े में जल भरकर उस पर नारियल रखकर कलश स्थापना करें और फिर पूजन का संकल्प लें।
- फिर वैदिक और दुर्गा सप्तशती के मंत्रों से मां चंद्रघंटा सहित सभी स्थापित देवी-देवताओं की षोडशोपचार पूजा करें। इसके तहत आवाहन, आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा, बिल्वपत्र, आभूषण, पुष्प-हार, सुगंधित द्रव्य,धूप-दीप, नैवेद्य, फल, पान, दक्षिणा, आरती, प्रदक्षिणा, मंत्र पुष्पांजलि, खीर अर्पित करें।
- पूजा के समय भूरे या ग्रे रंग की कोई वस्तु मां को अर्पित करें और इसी रंग के कपड़े पहनें, मां चंद्रघंटा का वाहन सिंह है इसलिए सुनहले रंग का कपड़ा पहनना भी शुभ माना जाता है।
- साथ ही भोग में मां को दूध की मिठाई और खीर आदि अर्पित करें, माता चंद्रघंटा को प्रसन्न करने के लिए शहद भी अर्पित करना चाहिए।
- पूजा के दौरान ऊपर लिखे मंत्रों का जप करते रहें।
- अब प्रसाद बांटें और पूजन संपन्न करें। कन्याओं को खीर, हलवा और मिठाई खिलाएं, इससे माता प्रसन्न होती हैं और दुख हरती हैं।
- साथ ही मन ही मन में माता से प्रार्थना करें कि हे मां! आप की कृपा हम पर सदैव बनी रहे और हमारे दुःखों का नाश हो।