BHU प्रसाशन को किया गया तालाब
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शिक्षा मंत्रालय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्यवाहक कुलपति प्रो. संजय कुमार और कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह को दिल्ली तलब किया है। मंत्रालय ने उनसे यह स्पष्ट करने को कहा है कि प्रवेश प्रक्रिया में गड़बड़ियों के लिए कौन जिम्मेदार हैं। छात्रों ने रविवार को भी यूनिवर्सिटी के केंद्रीय कार्यालय का घेराव किया था।
UGC ने BHU को लिखा पत्र
UGC के सचिव अमिष जोशी द्वारा जारी पत्र में उल्लेख किया गया है कि PhD Admission में कई गंभीर विसंगतियां पाई गई हैं। नियमों के अनुपालन की समीक्षा और गड़बड़ियों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है। समिति की रिपोर्ट आने तक 2024-25 सत्र के लिए किसी भी प्रकार की प्रवेश प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। अंतिम निर्णय अब संबंधित प्राधिकरण द्वारा ही लिया जाएगा।
BHU PhD Admission: एडमिशन काउंटर किया गया बंद
इस आदेश के बाद BHU प्रशासन ने पहले से निर्धारित 30 अप्रैल की तारीख से दो दिन पूर्व ही सोमवार को एडमिशन काउंटर बंद करने का निर्णय लिया है। सभी विभागों को निर्देश दिया गया है कि वे अब मेरिट सूची के आधार पर किसी भी अभ्यर्थी को प्रवेश न दें और न ही फोन द्वारा संपर्क करें। अगला आदेश आने तक किसी नए छात्र का प्रवेश नहीं होगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अब तक कुल 944 अभ्यर्थियों को एडमिशन दिया जा चुका है, जबकि कुल 1,466 सीटें उपलब्ध थीं। जिन्हें एडमिशन मिल चुका है, उन्हें 15 मई तक अपने संबंधित विभागों में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है।