6 साल की उम्र में कैंसर का पता चला (Success Story Of Cancer Victim)
मधुरिमा त्रिपुरा के एक छोटे से गांव की रहने वाली हैं। मधुरिमा जब कक्षा 6 में थीं तब उनके घर वालों को पता चला कि उन्हें रेयर किस्म का कैंसर हो गया है। तब मधुरिमा की उम्र मात्र 11 साल थी। कैंसर के कारण उनका आधा से अधिक समय अस्पताल में बीतता। इस दौरान भी उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी।
कीमोथेरेपी भी नहीं तोड़ पाई मधुरिमा की हिम्मत
मधुरिमा को 2016 में स्टेज 4 नॉन हॉजकिन्स लिम्फोमा नामक कैंसर हो गया था। यह एक खतरनाक तरह का कैंसर है जोकि लसीका तंत्र (Lymphatic System) में होता है। मुंबई स्थित टाटा मेमोरियल अस्पताल से मधुरिमा का इलाज चला। वे कीमोथेरेपी के बाद भी पढ़ाई करती थीं।
ऑनलाइन पढ़ाई की मदद से क्रैक कर ली परीक्षा (Success Story)
10वीं कक्षा में कैंसर सर्वाइवर (Cancer Survivor) ने 96 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। वहीं 12वीं में उन्हें 91 प्रतिशत आए थे। 12वीं की पढ़ाई के बाद मधुरिमा ने नीट परीक्षा की तैयारी शुरू की। मधुरिमा की बड़ी बहन ने दिल्ली स्थित बाबा साहेब मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई की है। बड़ी बहन ने मधुरिमा को उनकी तैयारी के दौरान मदद की। अस्पताल में रहकर मधुरिमा ऑनलाइन पढ़ाई करती थीं। उन्होंने 2024 में अपने पहले ही प्रयास में 87 प्रतिशत अंकों के साथ नीट टॉप किया है।