JNU: कब हुई स्थापना ? सोवियत संघ की क्या भूमिका?
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1969 में एक शोध विश्वविद्यालय के रूप में इसकी की। इसका उद्देश्य उच्च शिक्षा, शोध और राष्ट्रीय विकास के लिए एक विचारशील और स्वतंत्र मंच प्रदान करना था। स्थापना में तत्कालीन सोवियत संघ की परोक्ष भूमिका रही। जेएनयू की शैक्षणिक संरचना, अकादमिक स्वतंत्रता और बहस की संस्कृति सोवियत अकादमिक मॉडल से प्रेरित मानी जाती है।
क्या हाेती है पढ़ाई?
जेएनयू मुख्यत: स्नातकोत्तर और शोध केंद्र है। यहां पर कुल 9 हजार स्टूडेंट हैं और इनमें आधे से अधिक यानी 4 हजार से ज्यादा विद्यार्थी पीएचडी कर रहे हैं। कम फीस और सस्ते हॉस्टल के कारण यहां प्रतिभावान विद्यार्थियों को आगे बढ़ने में कोई बाधा नहीं है। कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट प्रवेश होते हैं। प्रमुख रूप से मानविकी, सामाजिक विज्ञान, अंतरराष्ट्रीय संबंध, भाषा अध्ययन, जीवन विज्ञान, पर्यावरणीय विज्ञान और कंप्यूटर विज्ञान से संबंधित कोर्स उपलब्ध हैं। जेएनयू का भाषा विभाग सबसे समृद्ध माना जाता है
अन्य विश्वविद्यालयों से अलग कैसे?
जेएनयू बहस और आलोचनात्मक चिंतन की संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। यहां की खुली बहस परंपरा, छात्र राजनीति और वैचारिक विविधता इसे अन्य विश्वविद्यालयों से अलग बनाता है।