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उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सिविल लाइन वृंदावन कॉलोनी के रहने वाले राघवेंद्र यादव 47 वर्ष के विषय में उसकी पत्नी ने डायल 112 को रात्रि 1 बजे जानकारी दिया। कि उसने घर के कमरे में आग लगा ली है। सूचना के बाद पुलिस के अधिकारी फॉरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर पूरे घटनाक्रम का जांच पड़ताल किया। मृतक के शव को कब्जे में लेकर पंचनामा के बाद पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने इस घटना का खुलासा करने के लिए चार टीमों का गठन किया था। 12 जनवरी को मृतक के पुत्र प्रिंस यादव ने सिविल लाइंस पुलिस को लिखित तहरीर दी कि 11 जनवरी की रात्रि मेरी मां ने मेरे पिता की हत्या कर दी है। सूचना पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू किया तो पूरे घटनाक्रम की पोल खुल गई। पुलिस ने आरोपी पत्नी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पति के साथ नुमाइश देखकर लौटी पत्नी ने पहले उसे नींद की दवा खिला दी। जब वह सो गया। तो बिस्तर पर आग लगाकर जिंदा जला दिया। वह उठकर भाग ना पाये इसलिए उसके सर पर लोहे की मूसली से कई वार किया जिससे उसकी मृत्यु हो गई।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बोले- पुलिस को गुमराह करने के लिए बिजली की शॉर्ट सर्किट दिखाई
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि राघवेंद्र यादव नाम के एक युवक का उसके बिस्तर पर अधजला शव पाया गया था। डेड बॉडी का पोस्टमार्टम कराया गया। उसकी पत्नी से पूछताछ की गई। तो पता चला कि पत्नी को मारते पीटते थे। और प्रेमिका का कुछ फोटो खींचकर उसे ब्लैकमेल करते थे। फिर प्रेमिका और पत्नी ने मिलकर उसकी हत्या करने का प्लान बनाया। नुमाइश देखने के बाद नशीला पदार्थ खिलाकर सुला दिया। उसके बाद बिस्तर में आग लगा दी। इसके बाद लोहे के मुसल से उसके सर पर चोट पहुंचाई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मृत्यु का कारण जलने से नहीं बल्कि सर में चोट लगने से होना पाया गया। पुलिस को गुमराह करने के लिए ऐसा किया गया था कि बिजली की शॉर्ट सर्किट से जलने से उनकी मृत्यु हो गई है।