पत्नी को भी मिलती रही पेंशन
इस दौरान दिवंगत की पत्नी अनुसुइया शुक्ला को भी पेंशन मिलती रही जो अब तक जारी थी। आरोप है कि यह पूरा षड्यंत्र नरेश ने अपनी भाभी अनुसुइया और एक अन्य भाई कैलाश नारायण शुक्ला के साथ मिलकर रचा। नरेश अब महाप्रबंधक पद से सेवानिवृत्त हो चुका है। भाई ने ही उजागर किया फर्जीवाड़ा
इस धोखाधड़ी की शिकायत मृतक के दूसरे नंबर के भाई मुकेश कुमार शुक्ला ने वर्ष 2021 में तत्कालीन जिलाधिकारी से की थी। उन्होंने सूचना अधिकार अधिनियम का उपयोग कर मृतक की पत्नी के बैंक दस्तावेज, पेंशन रिकॉर्ड और नियुक्ति से जुड़े अभिलेख प्राप्त किए। जब यह जानकारी अधिकारियों तक पहुंची, तो तत्कालीन डीएम ने जांच करवाई और नरेश को निलंबित कर दिया। हालांकि, बाद में नरेश ने हाईकोर्ट से बहाली हासिल कर ली और फिर से नौकरी शुरू की। अब 26 वर्षों की सेवा पूरी कर वह रिटायर हो चुका है।
तीन के खिलाफ दर्ज हुआ मामला
थाना बकेवर के प्रभारी श्याम सुंदर लाल श्रीवास्तव ने बताया कि इस मामले में तीनों आरोपियों नरेश कुमार शुक्ला, अनुसुइया शुक्ला और कैलाश नारायण शुक्ला के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र और सरकारी सेवा में फर्जी तरीके से प्रवेश का मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की विवेचना सहकारी निरीक्षक बिंदकी द्वारा की जा रही है।