scriptवीर अब्दुल हमीद के पोते जमील ने बताई दादा के बहादुरी के किस्से, कहा- जरुरत पड़ी तो हम भी…   | Veer Abdul Hamid's grandson Jamil told stories of his grandfather's bravery of Ghazipur | Patrika News
गाजीपुर

वीर अब्दुल हमीद के पोते जमील ने बताई दादा के बहादुरी के किस्से, कहा- जरुरत पड़ी तो हम भी…  

Abdul Hameed Ghazipur: परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद के पोते जमील आलम ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद से भारत की शांति भंग कर रहा है, लेकिन देश की जनता एकजुट होकर जवाब देने को तैयार है।

गाजीपुरMay 11, 2025 / 10:51 pm

Nishant Kumar

Ghazipur

Jameel Alam and Abdul Hameed: File Photo

Ghazipur Abdul Hameed Story: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के धामूपुर गांव के परमवीर चक्र विजेता शहीद अब्दुल हमीद के पोते जमील आलम ने सीमा पर मौजूदा हालात के बारे में कहा कि पाकिस्तान बार-बार आतंकवादियों के माध्यम से हमारी शांति और जनता को निशाना बना रहा है, लेकिन भारत अब चुप बैठने वाला नहीं है। 

जमील ने बताए अब्दुल हमीद के किस्से 

जमील आलम ने अपने दादा की वीरता को याद करते हुए बताया कि साल 1965 के भारत-पाक युद्ध में अब्दुल हमीद ने अकेले कई पाकिस्तानी टैंकों को नष्ट कर दिया था। उस पराक्रम के लिए उन्हें मरणोपरांत सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र प्रदान किया गया था। जमील ने कहा कि हमारा परिवार देश की सेवा के लिए हमेशा तत्पर है। अगर जरूरत पड़ी तो हम फिर से सीमा पर खड़े होंगे।

जमील ने क्या कहा ? 

जमील आलम ने रविवार को एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि आज बहुत दुख हो रहा है कि पाकिस्तान ने अपने आतंकवादियों को हमारे देश में भेजकर हमारे नौजवानों और देशवासियों का खून बहाया, उन्हें मौत के घाट उतारा। शायद वह 1965 की जंग को भूल गया जब जाबांज शहीद वीर अब्दुल हमीद ने पाकिस्तान के टैंकों को कब्रिस्तान बना दिया था और उसे झुकना पड़ा। लेकिन आज भी पाकिस्तान सुधर नहीं रहा। हम सभी भारतवासियों को एकजुट होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह का साथ देना चाहिए। अपने देश की रक्षा के लिए हम जहां भी जरूरत पड़ेगी, एकजुट होकर इस युद्ध में हमेशा साथ खड़े रहेंगे।
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गाजीपुर के रहने वाले थे अब्दुल हमीद 

गाजीपुर का धामूपुर गांव आज भी अब्दुल हमीद की शहादत पर गर्व करता है। वीर अब्दुल हमीद ने 1965 के भारत-पाक युद्ध में अनेक दुश्मन टैंकों को नष्ट किया था। इस दौरान वीरगति को प्राप्त हुए अब्दुल हमीद को मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।

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