मंडलायुक्त सभागार में जिले के अधिकारियों के साथ हुई VC
गोरखपुर मंडलायुक्त सभागार में एडीजी जोन डॉक्टर के एस प्रताप कुमार, पुलिस उप महानिरीक्षक गोरखपुर परिक्षेत्र गोरखपुर एस चन्नप्पा, जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजकरन नय्यर, नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल, सीडीओ शाश्वत त्रिपुरारी, अपर आयुक्त प्रशासन कुंवर बहादुर सिंह, एडीएम प्रशासन पुरुषोत्तम दास गुप्ता, सीएमओ सहित अन्य अधिकारियों से कहा कि आगामी मुहर्रम त्यौहार सहित जुलाई माह से पवित्र श्रावण मास का प्रारंभ हो रहा है।
पर्वों पर सभी सतर्क रहें
इस अवधि में श्रावणी शिवरात्रि, नागपंचमी और रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। श्रावण मास में परंपरागत कांवड़ यात्रा निकलेगी। कानून व्यवस्था महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील है। हर किसी को सतर्क-सावधान रहने की आवश्यकता है।
ताजिया की ऊंचाई परंपरा के अनुरूप हो
मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिया कि मोहर्रम जुलूस के दौरान निकलने वाली ताजिया से जुड़ी समितियों और पीस कमेटी के साथ स्थानीय प्रशासन द्वारा संवाद-समन्वय बनाया जाए।ताजिया की ऊंचाई परंपरा के अनुरूप ही हो। दुर्घटना का कारक बनने वाले अनावश्यक रूप से ओवरसाइज ताजिया जुलूस में न शामिल किया जाए पर्व-त्योहार में प्रशासन द्वारा आम जन को जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
परंपरा के विरुद्ध कोई कार्य न हो
धार्मिक परंपरा और आस्था को सम्मान दें, लेकिन परंपरा के विरुद्ध कोई कार्य न हो। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि पारंपरिक कांवड़ यात्रा की दृष्टि से उत्तराखण्ड की सीमा से लगे जनपद तथा गाजियाबाद, मेरठ, अयोध्या, बरेली, प्रयागराज, वाराणसी, बाराबंकी, बस्ती आदि जिले अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं।
डीजे की ऊंचाई मानक के अनुरूप हो
प्रदेश के भीतर जिलों के बीच तथा सीमावर्ती जनपदों की दूसरे राज्यों के साथ स्थानीय प्रशासन सीमावर्ती राज्यों से सतत संवाद-संपर्क-समन्वय बनाये रखें। कांवड़ यात्रा आस्था के उत्साह का आयोजन है। परंपरागत रूप से नृत्य, गीत, संगीत इसका हिस्सा रहे हैं। यह सुनिश्चित करें कि डीजे, गीत-संगीत आदि की आवाज निर्धारित मानकों के अनुरूप ही हो। डीजे की ऊंचाई एक तय सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए।
कांवड़ यात्रा मार्ग को कर लिया जाए दुरुस्त
श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान करते हुए कांवड़ यात्रा मार्ग पर कहीं भी खुले में मांस आदि का खरीद-बिक्री न हो। यात्रा मार्ग पर स्ट्रीट लाइट की अच्छी व्यवस्था हो। कांवड़ शिविर लगाने वाली समितियों के सहयोग लें। यात्रा मार्गों को चिन्हित करते हुए भीड़ प्रबंधन, रूट डायवर्जन, पुलिस बल की तैनाती, सीसीटीवी कैमरों आदि की व्यवस्था समय से कर ली जाए। कांवड़ यात्रा के मार्ग पर जर्जर बिजली के खंभे, झूलते-लटकते बिजली के तार आदि प्रबंधन समय से कर लिया जाए। ताकि श्रद्धालुओं को समस्या न हो, किसी प्रकार की दुर्घटना की स्थिति न आए।
शिवालयों के आसपास स्वक्षता का रहे विशेष ध्यान
श्रावण मास के दौरान कांवड़ यात्रा के अतिरिक्त हर गांव, कस्बे, नगर में सोमवार को शिवालयों में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन होता है। ऐसे में शिवालयों के आस-पास परिवेश स्वच्छ होना चाहिए। नालियां चोक न हों, उनकी साफ-सफाई समय से करा ली जाए। पंचायतीराज और नगर विकास विभाग द्वारा इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही की जाए। प्रतिबंधित पॉलीथिन का प्रयोग कतई न हो, इसे सुनिश्चित किया जाए।
अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन निषेध
धार्मिक यात्राओं और जुलूसों में किसी प्रकार के अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन नहीं होना चाहिए। ऐसी कोई घटना न हो, जिससे दूसरे धर्म के लोगों की भावनाएं आहत हों। ताजिया वहीं रखे जाएं जहां किसी प्रकार का विवाद न हो। यदि नया विवाद सामने आता है तो पहले उसका निस्तारण करें फिर निर्णय लें।
ड्रोन से की जाए निगरानी, शांति व्यवस्था कायम रहे
हर एक पर्व शांति और सौहार्द के बीच संपन्न हों, इसके लिए स्थानीय जरूरतों को देखते हुए सभी जरूरी प्रयास किए जाएं। कांवड़ शिविर लगाए जाने के स्थान पहले से चिन्हित हों, ताकि आवागमन बाधित न हो।शरारती तत्व दूसरे सम्प्रदाय के लोगों को अनावश्यक उत्तेजित करने की कुत्सित कोशिश कर सकते हैं, ऐसे मामलों पर नजर रखें। सुरक्षा में कोई सेंध न लगा पाये, इसके लिए हमें हर समय अलर्ट रहना होगा। कांवड़ शिविर लगाने वालों का सत्यापन करें।अराजक तत्वों के साथ पूरी कठोरता से निपटा जाए। ड्रोन से भी निगरानी करें।