हाईकोर्ट की एकलपीठ ने जिस याचिका को खारिज कर दिया, उसे एक रेलवे कर्मचारी ने दायर की थी। याचिका में रेलवे कर्मचारी ने अपनी बेटी के लिए ओबीसी सर्टिफिकेट की मांग की थी।
आय यदि 8 लाख+ है तो ओबीसी आरक्षण नहीं
याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आय की गणना बताई। सरकारी नौकरी व व्यवसायी की आय 8 लाख से ज्यादा है तो क्रीमीलेयर में आएगा। नौकरी या अन्य स्रोत से 8 लाख से ऊपर तो भी क्रीमीलेयर में ही रहेगा। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि आय यदि 8 लाख+ है तो ओबीसी आरक्षण नहीं मिलेगा। इसी के साथ हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। ओबीसी सर्टिफिकेट के आवेदन को अमान्य किया
याचिकाकर्ता ललित नारायण धाकड़ ने तर्क दिया था कि एसडीओ ने ओबीसी सर्टिफिकेट के आवेदन को अमान्य किया। कलेक्टर-संभागायुक्त ने भी तथ्य नहीं देखे। ललित को साल में 13.73 लाख रुपए वेतन से मिलते हैं। 7 हजार आय अन्य स्रोत से है, पर अन्य स्रोत से आय कम है।