ये है पूरा मामला
दरअसल 26 मार्च 2024 को सिटी सेंटर पर संचालित एक स्पा सेंटर पर आशुतोष सिकरवार, रामकुमार गुर्जर, नरेंद्र राकस पहुंचे। उन्होंने स्पा सेंटर में कहा कि उन्हें यौन संबंध करना है। लडक़ी अंदर भेजो। इसके बदले में दो हजार रुपए देंगे। स्पा सेंटर की संचालक ने इसका विरोध किया और यहां पर ऐसा कुछ नहीं होता है। उन्होंने मारपीट, गाली गलौज की और स्पा सेंटर में तोडफ़ोड़ कर दी। एक युवक पुलिस की वर्दी में था, जबकि दो पुलिस का पेंट पहने हुए थे। विश्वविद्यालय थाना पुलिस ने केस दर्ज किया और जांच की। तीनों पुलिस कर्मी मुरैना में तैनात थे। इनके खिलाफ जांच कर न्यायालय में चालान पेश किया। केस की फरियादी अपने बयान से मुकर गई। आरोपियों को भी नहीं पहचाना। इसके चलते कोर्ट ने तीनों को दोषमुक्त कर दिया। अभियुक्तों की ओर से पैरवी अजय द्विवेदी ने की।
ये भी पढ़ें: ग्वालियर में जल्द चलेंगी पीएम ई-बस सेवा की 60 बसें, तय होंगे 10 रूट ! ऐेसे व्यक्ति पुलिस में रहने लायक हैं….
आशुतोष सिकरवार, रामकुमार गुर्जर, नरेंद्र राकस ने एफआईआर को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने इनकी याचिका को खारिज करते हुए डीजीपी को लिखा था कि क्या ऐसे व्यक्ति पुलिस में रहने लायक हैं, जो जबरन यौन संबंध बनाना चाहते हैं। कोर्ट का आदेश डीजीपी को भेजा गया था।