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ग्वालियर

एमपी के इस ऐतिहासिक शहर में कई बेशकीमती विरासत मौजूद, आते हैं देश-विदेश के पर्यटक

World Heritage Day : शहर में गूजरी महल, मानसिंह पैलेस, सहस्त्रबाहु मंदिर, गोपाचल पर्वत, एक पत्थर की बावड़ी, जयविलास पैलेस, चतुर्भुज टेंपल आदि कई धरोहरें हैं, जिन्हें देखने के लिए देश-विदेश के टूरिस्ट यहां पहुंचते हैं। आप भी देखें एमपी की बेशकीमती धरोहरें….

ग्वालियरApr 17, 2025 / 02:09 pm

Avantika Pandey

World Heritage Day
World Heritage Day : ऐतिहासिक नगरी ग्वालियर में बेशकीमती धरोहरें हैं। यही वजह है कि यहां देशी के साथ-साथ विदेशी पर्यटक भी बड़ी संख्या में आते हैं। शहर में गूजरी महल, मानसिंह पैलेस, सहस्त्रबाहु मंदिर, गोपाचल पर्वत, एक पत्थर की बावड़ी, जयविलास पैलेस, चतुर्भुज टेंपल आदि कई धरोहरें हैं, जिन्हें देखने के लिए देश-विदेश के टूरिस्ट यहां पहुंचते हैं। हेरिटेज के रूप में अपनी पहचान रखने वाले ग्वालियर के फोर्ट यूनेस्को की अस्थायी सूची में शामिल किया है। 18 अप्रैल को वर्ल्ड हेरिटेज डे है और इस दिन हेरिटेज का महत्व और बढ़ जाता है। आप भी देखें एमपी की बेशकीमती धरोहरें….
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देखें ग्वालियर की बेशकीमती धरोहरें

मानसिंह पैलेस (Mansingh Palace)

Mansingh Palace
Mansingh Palace

सहस्त्रबाहु मंदिर (Sahastrabahu Temple)

Sahastrabahu Temple

जयविलास पैलेस (Jaivilas Palace)

Jaivilas Palace Gwalior

चतुर्भुज टेंपल (Chaturbhuj Temple)

Chaturbhuj Temple Gwalior

1978 से हुई वर्ल्ड हेरिटेज डे की शुरुआत

1968 में एक अंतरराष्ट्रीय संगठन ने दुनियाभर की प्रसिद्ध इमारतों और प्राकृतिक स्थलों की सुरक्षा का प्रस्ताव पहली बार प्रस्तुत किया, जिसे स्टॉकहोम में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में पारित किया गया। उसके बाद यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज सेंटर की स्थापना हुई। उस समय 18 अप्रैल 1978 में विश्व स्मारक दिवस के तौर पर इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई। उस दौरान विश्व में कुल 12 स्थलों को ही विश्व स्मारक स्थलों की सूची में शामिल किया गया था। बाद में 18 अप्रैल 1982 को ट्यूनीशिया में इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ मॉन्युमेंट्स एंड साइट्स ने सबसे पहले विश्व धरोहर दिवस मनाया। उसके एक साल बाद 1983 नवंबर माह में यूनेस्को ने स्मारक दिवस को विश्व विरासत दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की गई।

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