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ग्वालियर

ट्रांसपोर्टरों का ऐलान, बिना ‘ई-वे बिल’ के एक जगह से दूसरी जगह नहीं जाएगा सामान

MP News: अवैध माल ढुलाई और कर चोरी रोकने ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन दिल्ली के ट्रांसपोर्टर एकजुट…..

ग्वालियरJun 06, 2025 / 10:40 am

Astha Awasthi

(फोटो सोर्स: पत्रिका)

(फोटो सोर्स: पत्रिका)

MP News: अवैध माल ढुलाई और कर चोरी रोकने के लिए दिल्ली के ट्रांसपोर्टर एकजुट हुए हैं। प्रमुख ट्रांसपोर्टरों ने बिना बिल या ई-वे बिल के बुकिंग को रोकने के लिए अभियान चलाने का निर्णय लिया है। ट्रांसपोर्टरों के मुताबिक, बिना ई-वे बिल या कच्चे बिल का काम अब बिल्कुल नहीं किया जाएगा। ऐसे माल की बुकिंग भी नहीं की जाएगी।
कोई ट्रांसपोर्टर ऐसा काम करता है, तो इसकी सूचना जीएसटी विभाग को दी जाएगी। ट्रांसपोर्टरों ने यह निर्णय हाल ही में उत्तरप्रदेश और हरियाणा में बिना ई-वे बिल के 200 वाहनों को रोके जाने के बाद लिया है।
दिल्ली से हर रोज देशभर में 80 से 90 हजार गाड़ियों से माल का परिवहन किया जाता है। वहीं मध्यप्रदेश में दिल्ली से रोजाना 1000 गाड़ियों से माल का परिवहन होता है। ग्वालियर के ट्रांसपोर्टर ने भी ई-वे बिल के साथ ही काम करने में सहमति जताई है।

कच्चे में या बिना ई-वे बिल के नहीं करेंगे बुकिंग

ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन दिल्ली के राजेंद्र कपूर ने बताया, अवैध माल ढुलाई और कर चोरी को रोकने ये निर्णय लिया गया है। किसी भी वाहन में बिना बिल या अवैध माल के साथ ही प्रतिबंधित सामान मिलता है तो इसकी सूचना प्रशासन को दी जाएगी।

तो तीन करोड़ का राजस्व मिलेगा

दिल्ली से प्रदेश में करीब 1000 गाड़ियां आती हैं। जानकारी के मुताबिक इनमें करीब 300 गाडिय़ां ही ई-वे बिल के साथ कंपलीट होती हैं, जबकि 700 गाड़ियां बगैर ई-वे बिल के चलाई जा रही हैं। यदि 1000 गाड़ियां ई-वे बिल के साथ चलेंगी तो जीएसटी विभाग को ढाई से तीन करोड़ का राजस्व प्राप्त होगा। दिल्ली से किराना, कॉपर वायर, पान मसाला, आदि माल का परिवहन होता है।
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एक ई-वे बिल से लगा रहे पांच चक्कर

मध्यप्रदेश में कुछ समय से जीएसटी राज्य कर के एंटी इवेजन ब्यूरो की मोबाइल चैकिंग बंद है। समय-समय पर इसे चैकिंग करने की अनुमति प्रदान की जाती है। ऐसे में ई-वे बिल की चेकिंग न होने के कारण ट्रांसपोर्टर एक ई-वे बिल पर पांच-पांच चक्कर लगा रहे हैं। जीएसटी विभाग इसकी पुष्टि के लिए प्रदेश के टोल पर जानकारी ले सकता है।

बोगस फर्म बढ़ने की आशंका

ट्रांसपोर्टर बिना ई-वे बिल के काम नहीं करेंगे तो एक आशंका यह भी है, कच्चे में काम करने वाले व्यापारी फर्जी फर्म बनाकर काम करेंगे। ताजा मामला भिंड की फर्जी फर्म कमल ट्रेडर्स का है। इसका पंजीयन सेंट्रल जीएसटी में था और फर्म को हाल ही में टीम ने पकड़ा था, जिसमें करीब 65 करोड़ रुपए के मूंगफली दाने के परिवहन के संबंध में ई-वे बिल डाउनलोड किया पाया गया था। जबकि कारोबारी द्वारा जीरो टर्नओवर अपने रिटर्न में दर्शाया जा रहा था। फर्म पर कार्रवाई के बाद भी जीएसटी नंबर अभी तक एक्टिव है।

ग्वालियर में अमल करेंगे

ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ग्वालियर के अध्यक्ष सुनील माहेश्वरी ने बताया कि ग्वालियर में भी ट्रांसपोर्टर इस पर अमल करेंगे।

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