जीडीसी पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कांग्रेस नेताओं के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि मैं आलू से सोना तो नहीं बना सकता लेकिन पानी मिल जाए तो किसान सोना जरूर उगा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की पीड़ा मुझसे अधिक कोई नहीं समझता। यहां तो नहर से पानी मिल जाता है, हमारे यहां पानी के लिए साठ से सत्तर फीट नीचे घुसना पड़ता है। उन्होंने कहा कि पीएम के नेतृत्व में देश व प्रदेश विकसित होगा। इसी सोच के साथ सभी काम कर रहे हैं। नहरी खालों को बनाने के लिए हमने राशि मंजूर की है। नहरों के पुनरोद्धार को लेकर भी काम कर रहे हैं। इससे 30 से 35 प्रतिशत पानी का लाभ किसानों को मिलेगा।
सीएम ने कहा कि हमारे प्रदेश व देश की प्रगति किसान आधारित है। किसान मजबूत होगा, तभी देश मजबूत होगा। इंदिरा गांधी नहर परियोजना, माही डैम, नर्मदा प्रोजेक्ट आदि का जिक्र कर कहा कि उक्त सारे प्रोजेक्ट को मैंने मेरे हाथ में लिया है। नहर प्रणालियों को बेहतर बनाने के संकल्प के साथ हमने काम शुरू किया है। देश व प्रदेश की तरक्की में अब किसानों को लगना होगा।
जीडीसी के पास पूर्व मंत्री डॉ. रामप्रताप के नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि मैंने अपने स्तर पर नहरी क्षेत्र के विकास के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। फिर भी कुछ नेताओं ने कसर बाकी रहने की बात कही है। मेरा प्रयास रहेगा कि आगे यह समस्याएं भी दूर हो जाए। सीएम ने कहा कि देश में गेहूं पर सबसे अधिक एमएसपी हमारा प्रदेश दे रहा है। किसान सम्मान निधि की राशि हमने बढ़ाकर नौ हजार कर दी है।
उन्होंने सामने बैठे किसानों से सवाल किया कि क्या इतना एमएसपी कहीं मिल रहा है। निरीक्षण के दौरान जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत, ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर, प्रभारी मंत्री सुमित रिणवा, हनुमानगढ़ विधायक गणेशराज बंसल, पूर्व विधायक अमिषेक मटोरिया, भाजपा नेता गुलाब सिंवर, कलक्टर कानाराम, एसपी अरशद अली, जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता अमरजीत सिंह मेहरड़ा, प्रदीप रुस्तगी, अधीक्षण अभियंता शिवचरण रैगर आदि मौजूद रहे। विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान सीएम ने जय-जवान-जय किसान के नारे के साथ किसानों का हौंसला बढ़ाया।
दोनों जिले अनाज के कटोरे
सीएम ने लखूवाली हैड पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिले अनाज के कटोरे के रूप में जाने जाते हैं। इन जिलों की क्या-क्या आवश्यकता है, यही सोचकर नहरी जिले में आया हूं। उन्होंने कहा कि मैंने देखा है कि कुछ नहरों में काम हुए हैं। कुछ नहरें ऐसी है, जिसमें साठ बरसों में काम नहीं हुए। नहरी क्षेत्र की क्या-क्या आवश्यकताएं है, इसे समझकर हम आगे काम करेंगे।
मंच खाली करने की बात पर पूर्व मंत्री मुस्काए
सीएम ने कहा कि मैंने संगठन में भी काम किया है। इस दौरान यहां आता रहा हूं। यहां पर किसान पानी के मामले में आंदोलन करते रहे हैं। मुझे लगता था कि क्या यह समस्या है भी या फिर किसानों की आदत बन गई है। सीएम बना तो मैंने कहा कि अब समस्याओं का समाधान करेंगे। उन्होंने कहा कि नहरी तंत्र के विकास के लिए बजट की कमी नहीं आने दी जाएगी।
अचानक रुका काफिला, चाय का लिया आनंद
सीएम का काफिला टाउन-जंक्शन मार्ग से गुजर रहा था। इस दौरान काफिला अचानक रुका। मामा टी स्टॉल पर जाकर सीएम सहित अन्य मंत्रियों ने जाकर चाय पी। इसके बाद सीएम ने मोबाइल से पेमेंट भी किया। इस दौरान टाउन जंक्शन मार्ग पर आवागमन बाधित रहा। इससे कई वाहन चालकों को बेवजह रुकना पड़ा।
माइक हुआ खराब
लखूवाली हैड पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान जैसे ही सीएम ने उद्बोधन शुरू किया, माइक खराब हो गया। इससे सीएम काफिले में शामिल अधिकारी परेशान हो गए। तत्काल दूसरा माइक लगाया गया। इसके बाद सीएम ने दोबारा संबोधन शुरू किया। सीएम ने आमजन की समस्याएं भी सुनी। लोगों ने ज्ञापन सौंपे।
बाढ़ का खतरा टलेगा
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हनुमानगढ़ में घग्घर नदी का निरीक्षण किया। उन्होंने घग्घर नदी के जल प्रवाह क्षमता तथा डायवर्जन चैनल की कार्यप्रणाली का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने घग्घर नदी के बहाव क्षेत्र में आवश्यक कार्य तथा बाढ़ सुरक्षा के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। हनुमानगढ़ विधायक गणेशराज बंसल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्थानीय लोगों को राहत देने तथा बाढ़ से जन-धन की हानि को रोकने के लिए घग्घर नदी के बहाव क्षेत्र में 325 करोड़ रुपए की लागत से बाढ़ सुरक्षा की दृष्टि से कार्य करवाने की घोषणा की है। इससे बाढ़ का खतरा नहीं रहेगा। किसान व युवा हित में कार्य करने की बात कही।
सीएम ने कहा कि लोगों की समस्याओं का समाधान करने की सोच से हमारी सरकार काम कर रही है। इस दौरान विधायक गणेशराजबंसल, पूर्व सभापति सुमित रिणवा, अमित माहेश्वरी, बालकिशन गोल्याण, पूर्व उप सभापति नगीना बाई आदि की मौजूदगी रही।