रेकॉर्ड को पांच साल रखना होगा संभाल कर
इसके अलावा स्कॉलरशिप के लिए चयनितों का रेकॉर्ड भी पांच साल तक संभालकर संबंधित संस्था प्रधानों को रखना होगा।
विद्यालय में चयनित अभ्यर्थियों के आवेदन पत्र पांच वर्ष तक तथा अचयनित अभ्यर्थियों के आवेदन पत्र एक वर्ष तक सुरक्षित रेकॉर्ड में रखने होंगे। विद्यार्थी के एनएमएमएस से संबंधित किसी भी प्रकार की सूचना, आरटीआई के तहत मांगे जानें पर विद्यालय को उपलब्ध करानी होगी। इसलिए समस्त आवेदन पत्र मय दस्तावेज विद्यालय स्तर पर संधारित करने का आदेश दिया गया है। ऑनलाइन आवेदन के बाद मूल आवेदन पत्र की हार्ड कॉपी मय दस्तावेज के साथ संस्था प्रधान को जमा करानी होगी।
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संस्था प्रधानों को राजकीय विद्यालयों में कक्षा 8 में अध्ययनरत विद्यार्थियों के एनएमएमएस परीक्षा के आवेदन वास्ते अपनी शाला दर्पण आईडी से पोर्टल ओपन कर विद्यार्थी को सलेक्ट करना होगा। विद्यार्थी की चाही गई जानकारी उसके दस्तावेजों से सत्यापित करनी होगी। अगर दस्तावेजों की जांच में कोई जानकारी गलत मिलती है तो यह संस्था प्रधान की जिमेदारी होगी। विद्यार्थी के निर्धारित दस्तावेजों की जांच के बाद ही आवेदन पत्र ऑनलाइन करने को कहा गया है।
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आवेदन के लिए विद्यार्थी का राजकीय विद्यालय से कक्षा 7 निर्धारित प्राप्तांक के साथ उत्तीर्ण होना जरूरी है। सामान्य वर्ग के लिए 55, एससी, एसटी एवं दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए 50 प्रतिशत प्राप्तांक जरूरी हैं। माता-पिता की समस्त आय साढ़े तीन लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। परीक्षार्थियों के लिए किसी भी प्रकार का आवेदन शुल्क देय नहीं है।
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एनएमएमएस परीक्षा अगले साल जनवरी में होगी। प्रदेशभर में पांच हजार से अधिक बच्चों को यह छात्रवृत्ति दी जाती है। इसमें चयनित विद्यार्थी को कक्षा 9 से 12वीं तक हर साल 12 हजार रुपए मिलते हैं। इसके लिए जरूरी है कि वह राजकीय विद्यालय में अध्ययनरत रहे तथा कक्षा दस व बारहवीं में उसके न्यूनतम 55 प्रतिशत प्राप्तांक हो।