चक्रासन योग के लाभ : Chakrasana for spine health
हड्डियों को मजबूत बनाता चक्रासन जो लोग घुटनों और टांगों में दर्द से परेशान हैं, उनके लिए यह उपाय अत्यंत प्रभावी है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अन्य शोधों के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति 12 सप्ताह तक प्रतिदिन व्हील पोज़ (Chakrasana for spine health) का अभ्यास करता है, तो मांसपेशियों की ताकत में सुधार होता है। इससे शरीर का संतुलन बना रहता है और मानसिक शांति तथा आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। लचीलेपन को बढ़ाए नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसंधान के अनुसार, पीछे की ओर मुड़ने वाले योगासनों का अभ्यास करने से 50 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों के शरीर में लचीलापन में वृद्धि होती है। इससे दर्द और ऐंठन में कमी आती है। इसके अलावा, यह मांसपेशियों के तनाव और रीढ़ की हड्डी की कठोरता को भी प्रभावी ढंग से कम करने में सहायक होता है।
ऊर्जा में बढ़ोतरी दिन में दो बार चक्रासन का अभ्यास करने से शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ने लगता है। इस मुद्रा में पीछे की ओर झुकने से एड्रेनालाईन हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जो तनाव को कम करने में मदद करता है। इसके परिणामस्वरूप शारीरिक और मानसिक थकान में कमी आती है, जिससे शरीर में ऊर्जा का स्तर ऊँचा हो जाता है।
पेट की मांसपेशियों के लिए फायदेमंद इससे पेट की मांसपेशियों में खिंचाव उत्पन्न होता है, जिससे पेट के चारों ओर जमा वसा को जलाने में मदद मिलती है। इसके साथ ही, मेटाबॉलिज्म में वृद्धि होती है। व्हील पोज़ का अभ्यास करने से पाचन तंत्र को सुचारू रखने में सहायता मिलती है और एसिडिटी की समस्या से भी बचा जा सकता है।
कैसे करें चक्रासन
चक्रासन करने के लिए सबसे पहले मैट पर सीधा लेट जाएं। अब दोनों पैरों के बीच थोड़ा फासला रखें और घुटनों को मोड़ें। फिर, दोनों हाथों को कोहनियों से मोड़ते हुए पीछे की ओर लेकर जाएं और हथेलियों को जमीन पर रखें। अब कमर से ऊपर का हिस्सा धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाने की कोशिश करें। शुरुआत में आप किसी प्रशिक्षक की मदद ले सकते हैं। जैसे ही शरीर व्हील पोज़ में आता है, थकान कम होने लगती है। अपनी क्षमता के अनुसार इस पोज़ में बने रहें और फिर धीरे-धीरे कमर से शरीर को नीचे लाकर मैट पर लेट जाएं। इस आसन का नियमित अभ्यास आपके शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होता है। डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।