HMPV: एक पुराना वायरस, जो हल्की बीमारी का कारण बनता है
डॉ. गुलेरिया ने बताया, “HMPV कोई नया वायरस नहीं है। यह लंबे समय से मौजूद है और आमतौर पर हल्की बीमारी का कारण बनता है। हालांकि, छोटे बच्चों, बुजुर्गों और अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों में यह गंभीर संक्रमण या निमोनिया का रूप ले सकता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत और अस्पताल में भर्ती की जरूरत पड़ सकती है।”लक्षण और इलाज HMPV symptoms and treatment
मानव मेटा-प्न्यूमोवायरस का उपचार मुख्य रूप से लक्षणात्मक है। बुखार के लिए दवा लें, शरीर में पानी की कमी न होने दें और पौष्टिक भोजन करें। डॉ. गुलेरिया ने कहा, “अगर बुखार और बदन दर्द है, तो पेरासिटामोल जैसी दवा लें। खांसी-जुकाम होने पर एंटी-एलर्जिक दवाएं ली जा सकती हैं। एंटीबायोटिक्स का कोई रोल नहीं है क्योंकि यह वायरल संक्रमण है।”संक्रमण से बचने के उपाय Prevent HMPV infection
मानव मेटा-प्न्यूमोवायरस एक ड्रॉपलेट संक्रमण है, जो इन्फ्लूएंजा की तरह फैलता है। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाने चाहिए:खांसने और छींकने के समय शिष्टाचार का पालन करें।
भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें।
बच्चों में HMPV के मामले
अब तक कर्नाटक में 2, गुजरात में 1 और तमिलनाडु में 2 कुल मिलाकर 7 मामले दर्ज किए गए हैं। ये सभी मामले 3 महीने से 13 साल तक के बच्चों में पाए गए हैं। हालांकि, यह संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है।
डॉ. गुलेरिया की सलाह Dr. Randeep Guleria advised
पोषण पर ध्यान दें: शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए पौष्टिक भोजन करें।हाइड्रेशन बनाए रखें: पर्याप्त मात्रा में पानी और तरल पदार्थ पिएं।
लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करें: अगर सांस लेने में कठिनाई हो या लक्षण गंभीर हों तो डॉक्टर की सलाह लें।
डॉ. गुलेरिया ने अंत में कहा कि HMPV वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है। सही देखभाल और स्वच्छता से इसे रोका जा सकता है।