स्वास्थ्य विभाग के स़ूत्र बताते है कि, रिपोर्ट एक निजी अस्पताल से आई है और हमारे पास निजी अस्पताल के परीक्षणों पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है।
HMPV वायरस इस उम्र के बच्चों को करता हैं संक्रमित : HMPV Virus First Case in India
HMPV वायरस को लेकर बताया जाता है कि यह वायरस 11 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में पाया जाता है और सभी फ्लू नमूनों में से लगभग 0.7 प्रतिशत एचएमपीवी होते हैं। बच्चे मेे पाय गया वायरस का कौन सा प्रकार है इसका अभी तक पता नहीं लगाया जा सका है। इसके पीछे का कारण यह बताया जा रहा है कि क्योंकि हमारे पास चीन में पाए गए वायरस के प्रकार के बारे में डेटा नहीं है।
क्या है HMPV वायरस के लक्षण
इस वायरस के ज्यादातर मामले बच्चों में देखे जाते हैं। ऐसे में इस वायरस में खांसी, बुखार, गले में खराश, घरघराहट या गंभीर मामलों में सांस लेने में तकलीफ, नाक बंद होना, कुछ मामलों में संक्रमण ब्रोंकाइटिस, निमोनिया या अस्थमा आदि लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
कैसे फैलता है HMPV वायरस
ह्यूमन मेटापन्यूमोवायरस संक्रमित व्यक्तियों की सांस की बूंदों के जरिए फैलता है, विशेष रूप से जब वे खांसते या छींकते हैं। इसके अलावा, वायरस से प्रभावित सतहों के संपर्क में आने से भी संक्रमण का खतरा होता है। चीन के CDC के अनुसार, HMPV से मिलने वाली प्रतिरक्षा सुरक्षा इतनी प्रभावी नहीं होती कि यह बार-बार होने वाले संक्रमणों को रोक सके। HMPV वायरस से बचने के उपाय
ह्यूमन मेटापन्यूमोवायरस संक्रमण से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय करें:
- साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक हाथों को धोएं।
- आंखों, नाक और मुंह को छूने से बचें।
- भीड़भाड़ वाले स्थानों पर मास्क पहनें।
- दरवाजों के हैंडल, लाइट स्विच और स्मार्टफोन जैसी सतहों को नियमित रूप से साफ करें।
- यदि खांसी, गले में खराश या बुखार जैसे लक्षण दिखाई दें, तो घर पर रहें और दूसरों से दूरी बनाए रखें।