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वायु प्रदूषण से कैसे बढ़ता है Heart attack का खतरा और कैसे करें बचाव?

Air pollution increase the risk of heart attack : वायु प्रदूषण हमारी सेहत के लिए एक गंभीर खतरा बन चुका है, खासकर ठंड के मौसम में जब प्रदूषण का स्तर अचानक बढ़ जाता है।

जयपुरNov 21, 2024 / 12:53 pm

Manoj Kumar

Air pollution increase the risk of heart attack

Air pollution increase the risk of heart attack

Air pollution increase the risk of heart attack : हर साल ठंड के साथ वायु प्रदूषण (Air pollution) का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच जाता है, खासकर दिल्ली और एनसीआर जैसे क्षेत्रों में। हवा की बिगड़ती गुणवत्ता से केवल सांस की समस्याएं नहीं होतीं, बल्कि यह दिल की बीमारियों का भी बड़ा कारण बनता है। आइए, समझें कि प्रदूषण दिल की सेहत (Heart health) के लिए कैसे खतरनाक है और इससे बचने के उपाय क्या हैं।

Heart attack : दिल की सेहत पर प्रदूषण का असर

PM2.5 कणों का खतरा

प्रदूषण (Air pollution) के मुख्य स्रोत जैसे वाहन, ईंधन का जलना और औद्योगिक उत्सर्जन हवा में PM2.5 और PM10 जैसे सूक्ष्म कण छोड़ते हैं। ये कण सीधे हमारे फेफड़ों और रक्त प्रवाह में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे दिल की धमनियों को नुकसान पहुंचता है।

ब्लड प्रेशर और थक्कों का बढ़ता खतरा

वायु प्रदूषण (Air pollution) रक्त वाहिकाओं को सख्त और सिकुड़ा देता है। इससे हाई ब्लड प्रेशर और खून गाढ़ा होने की समस्या हो सकती है, जो हार्ट अटैक (Heart attack) और स्ट्रोक का खतरा बढ़ा देता है।

दिल की धड़कन पर असर

प्रदूषण (Air pollution) से दिल की इलेक्ट्रिकल प्रणाली प्रभावित हो सकती है, जिससे अनियमित दिल की धड़कन (Arrhythmia) और घबराहट की समस्या होती है।

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लक्षण जिन्हें नजरअंदाज न करें

  • सीने में दर्द या भारीपन: अगर आपको सीने में असहजता महसूस हो रही है, तो यह गंभीर हृदय समस्या का संकेत हो सकता है।
  • घबराहट और सांस लेने में तकलीफ: दिल पर प्रदूषण का दबाव इन लक्षणों को बढ़ा सकता है।
  • गले में चोकिंग जैसा महसूस होना: यह वायु प्रदूषण के कारण फेफड़ों और दिल पर बढ़ते दबाव का संकेत हो सकता है।

लंबे समय तक प्रदूषण के संपर्क में रहने के खतरे

  • हाई ब्लड प्रेशर का लगातार बढ़ना
  • दिल की कार्यक्षमता में कमी
  • हार्ट फेलियर, हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याएं

प्रदूषण से दिल को बचाने के उपाय

1. घर के भीतर सुरक्षित वातावरण बनाएं

  • एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें, खासकर अगर घर में दिल के मरीज हैं।
  • खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें, खासकर जब बाहर का AQI “खतरनाक” हो।

2. शारीरिक गतिविधियों में सावधानी बरतें

  • मॉर्निंग वॉक पर जाने से बचें क्योंकि सुबह प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक होता है।
  • घर के अंदर योग और एक्सरसाइज करें।
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3. मास्क का उपयोग करें

बाहर निकलते समय N95 या बेहतर गुणवत्ता वाले मास्क का इस्तेमाल करें। यह PM2.5 कणों से बचाव में मदद करेगा।

4. संतुलित आहार और हाइड्रेशन पर ध्यान दें

  • ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट युक्त भोजन करें, जो दिल को मजबूत बनाते हैं।
  • पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर शरीर को हाइड्रेट रखें।

जागरूकता और एहतियात है सबसे बड़ा हथियार

दिल्ली और अन्य प्रदूषित शहरों में रहने वालों के लिए, वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) की जानकारी रखना बेहद जरूरी है। यह न केवल आपकी सेहत बल्कि जीवन को भी सुरक्षित रखने का माध्यम है।
दिल की सेहत और वायु प्रदूषण (Air pollution) के बीच का यह रिश्ता बेहद गंभीर है। बढ़ते प्रदूषण के इस दौर में हमें सावधान रहना और उचित कदम उठाना बेहद जरूरी है। जागरूकता, बचाव और सही जीवनशैली अपनाकर हम इस खतरे से बच सकते हैं।

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