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Lungs care : धूम्रपान, प्रदूषण और उम्र बढ़ने का असर कैसे कम करें? विशेषज्ञ की सलाह

फेफड़े हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक हैं, जो हमें जीवन के लिए जरूरी ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। लेकिन बदलती जीवनशैली, प्रदूषण, धूम्रपान और बढ़ती उम्र के कारण फेफड़ों की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं।

जयपुरMar 12, 2025 / 03:16 pm

Manoj Kumar

Lung care How to reduce the effects of smoking pollution and ageing Expert advice

Lung care How to reduce the effects of smoking pollution and ageing Expert advice

Are Your Lungs at Risk : फेफड़े हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग हैं, जो हमें ऑक्सीजन प्रदान कर जीवित रहने में मदद करते हैं। लेकिन बदलती जीवनशैली, प्रदूषण और अन्य कई कारणों से फेफड़ों की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। इस लेख में हम डॉ. शब्द प्रकाश पल्मोनरी (विभागाध्यक्ष पल्मोनरी मेडिसिन ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, जयपुर) से कुछ आम सवालों के जवाब जानेंगे जो लोगों के मन में अक्सर उठते हैं।

1. छाती में दर्द और सांस लेने में तकलीफ: क्या यह फेफड़ों की बीमारी का संकेत हो सकता है?

छाती में दर्द और सांस लेने में तकलीफ कई कारणों से हो सकती है, जैसे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया या हृदय संबंधी समस्याएं। यदि यह समस्या बार-बार हो रही है, तो तुरंत पल्मोनरी विशेषज्ञ से संपर्क करें।

2. सिगरेट छोड़ने के बाद भी फेफड़ों को कैसे स्वस्थ रखा जाए?

सिगरेट छोड़ने के बाद भी फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए नियमित व्यायाम करें, हाइड्रेटेड रहें और पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें। गहरी सांस लेने के अभ्यास (प्राणायाम) से फेफड़ों (Lungs) की क्षमता बेहतर हो सकती है।

3. अस्थमा और ब्रोंकाइटिस में क्या अंतर है?

अस्थमा एक दीर्घकालिक बीमारी है, जिसमें वायुमार्ग संकुचित हो जाते हैं, जबकि ब्रोंकाइटिस आमतौर पर वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होता है और यह अस्थायी हो सकता है।

4. क्या फेफड़ों की बीमारियों में घरेलू उपचार मददगार हो सकते हैं?

हल्दी, अदरक, शहद और भाप लेने जैसे घरेलू उपचार सहायक हो सकते हैं, लेकिन वे चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं हो सकते।

5. उम्र बढ़ने के साथ फेफड़ों की क्षमता घटती है?

हाँ, उम्र बढ़ने के साथ फेफड़ों (Lungs) की कार्यक्षमता धीरे-धीरे कम होती जाती है, लेकिन नियमित व्यायाम, स्वच्छ वातावरण और सही खानपान से इसे बनाए रखा जा सकता है।

6. लगातार खांसी और बलगम की समस्या: क्या यह फेफड़ों की बीमारी का संकेत है?

लगातार खांसी और बलगम सीओपीडी या ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों का संकेत हो सकता है। अगर यह समस्या लंबे समय तक बनी रहे, तो चिकित्सक से परामर्श लें।

7. सांस की बीमारी में व्यायाम का क्या महत्व है?

व्यायाम से फेफड़ों की कार्यक्षमता बेहतर होती है, जिससे ऑक्सीजन का संचार सुचारू रूप से होता है। तेज चलना, योग और ब्रीदिंग एक्सरसाइज लाभदायक हो सकती हैं।

8. सीओपीडी के प्रारंभिक लक्षण क्या हैं?

सुबह के समय खांसी, छाती में दबाव, सांस फूलना और बलगम आना सीओपीडी के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। सही समय पर पहचान और उपचार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

9. कोरोना से रिकवरी के बाद भी सांस की दिक्कत क्यों होती है?

कोविड-19 से रिकवरी के बाद भी ऑक्सीजन स्तर में उतार-चढ़ाव हो सकता है। इसके लिए फेफड़ों की एक्सरसाइज करें, पर्याप्त आराम लें और संतुलित आहार लें।

10. प्रदूषण का फेफड़ों पर क्या प्रभाव पड़ता है?

लंबे समय तक प्रदूषण के संपर्क में रहने से अस्थमा, सीओपीडी और फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। मास्क पहनना, घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का उपयोग और हरी सब्जियां खाने से फेफड़ों (Lungs) को सुरक्षित रखा जा सकता है।

11. क्या फेफड़ों की बीमारियां जेनेटिक होती हैं?

अगर परिवार में किसी को अस्थमा या फेफड़ों की अन्य बीमारियां हैं, तो आनुवंशिक रूप से इसका खतरा बढ़ सकता है। कुछ जेनेटिक टेस्ट उपलब्ध हैं, जो संभावित जोखिम का पूर्वानुमान लगाने में मदद कर सकते हैं।
फेफड़ों की सेहत बनाए रखने के लिए सही दिनचर्या अपनाएं, धूम्रपान से बचें और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराएं।

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