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नई शोध: कम नींद मतलब ‘हार्ट अटैक का हाई-रिस्क’, भारतीयों के लिए खतरा अधिक

Sleep Deprivation Causes Heart Problems: हार्ट अटैक या दिल की बीमारी कारण सिर्फ खराब खान-पान नहीं, बल्कि कम सोना भी है। एक शोध के मुताबिक, 4 घंटे या उससे कम सोने पर हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ जाता है।

भारतMay 29, 2025 / 04:24 pm

Ravi Gupta

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Sleep deprivation & heart problems: फोटो डिजाइन- पत्रिका (प्रतीकात्मक)

Sleep Deprivation Causes Heart Problems: हार्ट अटैक या दिल की बीमारी कारण सिर्फ खराब खान-पान नहीं है। खराब नींद के कारण भी हार्ट संबंधित बीमारी का कारण हो सकता है। स्वीडन की एक शोध यूनिवर्सिटी उप्साला विश्वविद्यालय ने इसको लेकर एक रिसर्च किया है। मई 2025 में प्रकाशित शोध में बताया गया है कि सिर्फ तीन दिन की खराब नींद- हर रात 4 घंटे, ये दिल की बीमारी के रिस्क (heart failure risk) को बढ़ा सकती है।

Sleep Deprivation and Heart Problems: 16 स्वस्थ पुरुषों पर किया गया रिसर्च

इस अध्ययन के लिए 16 स्वस्थ जवान पुरुषों को एक मेडिकल लैब में रखा गया। इस दौरान उनकी रोजमर्रा की हर चीज जैसे खाना, चलना-फिरना और रोशनी पूरी तरह से कंट्रोल की गई। इन लोगों ने दो तरह की नींद, तीन रातें अच्छी नींद (लगभग 8.5 घंटे) और तीन रातें कम नींद (लगभग 4 घंटे) की पूरी की। इसके बाद शोधकर्ताओं ने पाया क‍ि नींद पूरी न होने से द‍िल से जुड़ी बीमार‍ियों का खतरा बढ़ गया था।

क्यों बढ़ता है ह्रदय रोगों का जोखिम?

शोधकर्ताओं ने रक्त में सूजन पैदा करने वाले प्रोटीन को पाया। ये अणु शरीर द्वारा तब बनाए जाते हैं जब व्यक्ति तनाव में होता है या बीमारी से लड़ रहा होता है। जब ये प्रोटीन लंबे समय तक उच्च स्तर पर बने रहते हैं, तो वे रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं और हृदय गति रुकने, कोरोनरी हृदय रोग और अनियमित हृदय गति जैसी समस्याओं का जोखिम बढ़ा सकते हैं।

भारतीयों को अधिक सचेत होने की जरूरत

हम भारतीयों को इसको लेकर अधिक सचेत होने की आवश्यकता क्यों है। दरअसल, विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत में साल 2016 में गैर-संचारी रोग से 63 प्रतिशत मृत्यु हुई और इसमें से 27 प्रतिशत मृत्यु का कारण हृदयवाहिका रोग थे। डब्ल्यूएचओ ने 2024 में ‘वर्ल्ड हार्ट डे’ पर कहा था, भारत सहित दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में प्रतिवर्ष 3.9 मिलियन लोगों की मौत हार्ट संबंधी बीमारियों होती है। साथ ही राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो रिपोर्ट (NCRB) के आंकड़े भी कहते हैं कि भारत में साल 2022 में 32,457 मौतें सिर्फ हार्ट अटैक से हुई थीं।

जापान के बाद भारत, नींद के लिए जूझता देश

दूसरी ओर, इसके अलावा अगर नींद के आंकड़ों पर ध्यान दें तो भारत, जापान के बाद ऐसा देश है जहां के लोग 6 घंटे या उससे कम नींद ले पा रहे हैं। भारत की सोशल मीडिया लोकल सर्किल्स ने मार्च 2025 में एक सर्वे किया था। सर्वे में 40,000 लोग जिसमें 61% पुरुष और 39 % महिला थी। इसके अनुसार, सिर्फ 39% ही 6-8 घंटे की नींद और 39% 4-6 घंटे की नींद पूरी कर पाते हैं।
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क्यों प्रभावित होती है नींद?

आरोग्यधाम के निदेशक डॉ. अर्जुन राज ने बताया कि आयुर्वेद में नींद दिल के लिए संजीवनी है। नींद आपके हृदय स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि, सोने से हृदय गति और रक्तचाप कम हो जाता है, इससे हृदय का तनाव कम होता है। अच्छी नींद लेने से रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रहता है।

नींद की कमी से क्यों जूझ रहे लोग?

  • मानसिक तनाव
  • गैजेट्स का अधिक प्रयोग
  • अनियमित खानपान व दिनचर्या

कैसे लें पूरी नींद?

Sleeping chart as per age
Sleeping chart as per age: डिजाइन- पत्रिका
डॉ. अर्जुन कहते हैं कि तनाव कम करने के लिए हर दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और योग करें। रात का भोजन 08 बजे तक कर लें और हल्का भोजन लें। बिस्तर पर जान से पहले मोबाइल-लैपटॉप को कम से कम एक घंटे पहले दूर कर दें। सोने से पहले हल्के गर्म पानी से नहाएं। इस तरह की दिनचर्या से 8 घंटे की नींद पूरी कर सकते हैं। इसके लिए आप वास्तु के अनुसार सोने का सही तरीका भी जान लें।
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कार्डियोलॉजिस्ट का कहना

कर्मचारी राज्य बीमा निगम, जयपुर के कार्डियोलॉजिस्ट विभाग प्रमुख डॉ. गौरव सिंघल ने बताया, “नींद की कमी और दिल की बीमारी पर रिसर्च पहले भी आ चुकी है। इसमें घबराने जैसी कोई बात नहीं है। दरअसल, नींद पूरी ना होने के कारण हाइपरटेंशन, ब्लड प्रेशर आदि बढ़ने की संभावना रहती है। इससे हार्ट फेल्योर, लकवा आदि के चांसेज बढ़ जाते हैं। इसलिए अच्छी नींद की सलाह दी जाती है। ये ना केवल दिल बल्कि पूरे शरीर के लिए बढ़िया होता है।”

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