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बच्चों के गद्दों में पाए गए केमिकल्स से हो सकता है Cancer और Brain Damage

Toxic chemicals in baby mattresses : क्या आप जानते हैं कि जब बच्चे सो रहे होते हैं, तब भी वे खतरनाक रसायनों के संपर्क में हो सकते हैं? एक नई रिसर्च के अनुसार, बच्चों के गद्दों और बिस्तरों में मौजूद कुछ केमिकल्स उनके दिमाग और शरीर के विकास को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

भारतApr 16, 2025 / 09:46 am

Manoj Kumar

Toxic Mattresses New Study Links Kids' Beds to Cancer and Brain Damage

Toxic Mattresses New Study Links Kids’ Beds to Cancer and Brain Damage

Cancer Causing Mattress Materials : बच्चों के लिए दोपहर की नींद शायद हर किसी के दैनिक जीवन के सबसे शांत समयों में से एक होती है। खासकर बच्चों के मामले में, उनकी दोपहर की नींद उन्हें और उनके माता-पिता दोनों को कुछ ज़रूरी राहत के पल देती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सोते समय आपके बच्चे गंभीर खतरे में पड़ सकते हैं?
एक नए अध्ययन के अनुसार, शिशुओं और बच्चों के गद्दे और बिस्तर जहरीले रसायन उत्सर्जित करते हैं, जो विकासात्मक और हार्मोनल विकारों से जुड़े होते हैं।

क्या कहती है स्टडी?

कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो की प्रोफेसर मिरियम डायमंड की टीम ने 6 महीने से 4 साल तक के बच्चों के कमरों में हवा की जांच की।
उन्होंने पाया कि वहां की हवा में कई खतरनाक केमिकल्स मौजूद थे – जैसे फ्लेम रिटार्डेंट्स (आग से बचाने वाले रसायन), फ्थेलेट्स (phthalates), और UV फिल्टर्स।

सबसे ज्यादा केमिकल्स बच्चों के बिस्तर के पास मिले।

रिसर्च में ये भी पता चला कि जब बच्चा गद्दे पर लेटा होता है, तो उसके शरीर की गर्मी और वजन से ये केमिकल्स और ज्यादा तेजी से हवा में घुल जाते हैं।
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ये केमिकल्स आखिर होते क्या हैं?

फ्थेलेट्स (Phthalates):

ये प्लास्टिक को मुलायम और टिकाऊ बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
ये हार्मोन सिस्टम को बिगाड़ सकते हैं और बच्चों में जल्दी यौवन, एलर्जी, मोटापा, दिमागी विकास में कमी और यहां तक कि कैंसर जैसी बीमारियों से जुड़े पाए गए हैं।

फ्लेम रिटार्डेंट्स (Flame Retardants):

आग से बचाव के लिए डाले जाते हैं लेकिन कई रिसर्च में साबित हुआ है कि ये बच्चों के IQ में गिरावट, विकास में रुकावट, और हार्मोनल असंतुलन से जुड़े हो सकते हैं।
कई बार ये केमिकल्स इतने हानिकारक होते हैं कि कुछ को अमेरिका और कनाडा में पहले ही बैन किया जा चुका है।

महंगे या सस्ते ब्रांड्स से कोई फर्क नहीं पड़ता

इस स्टडी में ये भी पाया गया कि चाहे गद्दा महंगा हो या सस्ता, इनमें केमिकल्स की मात्रा लगभग एक जैसी होती है।
इसका मतलब है कि माता-पिता चाहकर भी सिर्फ ब्रांड देखकर सुरक्षित विकल्प नहीं चुन सकते।
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तो फिर उपाय क्या है?

कॉटन (कपास) वाले गद्दे हैं बेहतर विकल्प
क्यों?
प्राकृतिक और सुरक्षित: कॉटन एक नेचुरल फाइबर है, जिससे एलर्जी का खतरा कम होता है।

सांस लेने योग्य (Breathable): ये हवा को पास होने देता है, जिससे नींद में घुटन नहीं होती।

पर्यावरण के लिए अच्छा: सिंथेटिक गद्दों की तुलना में कॉटन इको-फ्रेंडली होता है।
कीमत में किफायती: कॉटन गद्दे महंगे मेमोरी फोम वाले गद्दों की तुलना में सस्ते भी होते हैं।

कॉटन गद्दे समय के साथ थोड़े दब सकते हैं, जिससे शरीर को पूरा सपोर्ट नहीं मिल पाता, लेकिन ये सेहत के लिए कहीं ज्यादा सुरक्षित होते हैं।
बच्चों को जहरीले केमिकल्स से बचाने के लिए जरूरी है कि हम उनके सोने के सामान को ध्यान से चुनें।
अगर हो सके, तो सिंथेटिक गद्दों की जगह कॉटन वाले गद्दों का इस्तेमाल करें — ताकि नींद सुकून भरी हो, न कि सेहत के लिए खतरा।
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