डॉ. विवेक त्रिवेदी का बयान | Vinod Kambli diagnosed with brain clots
कांबली (Vinod Kambli) का इलाज कर रहे डॉ. विवेक त्रिवेदी ने बताया कि जांच के बाद मस्तिष्क में क्लॉट्स (Brain clots का पता चला। उनकी सेहत पर लगातार नजर रखी जा रही है, और मंगलवार को कुछ और मेडिकल परीक्षण किए जाएंगे। अस्पताल के प्रबंधन प्रभारी एस. सिंह ने घोषणा की है कि कांबली को जीवनभर मुफ्त चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाएगी।प्रशंसक ने निभाया महत्वपूर्ण भूमिका
52 वर्षीय कांबली (Vinod Kambli) को अस्पताल तक पहुंचाने में उनके एक प्रशंसक की अहम भूमिका रही, जो इस अस्पताल के मालिक भी हैं।पुरानी स्वास्थ्य समस्याएं और वित्तीय कठिनाई
कांबली (Vinod Kambli) का स्वास्थ्य पिछले कुछ वर्षों में खराब रहा है। 2013 में उन्होंने दो हार्ट सर्जरी कराई थी, जिसमें उनके बचपन के दोस्त सचिन तेंदुलकर ने आर्थिक मदद की थी।हालिया सार्वजनिक उपस्थिति में दिखी कमजोरी
महीने की शुरुआत में कांबली मुंबई के शिवाजी पार्क में अपने कोच रमाकांत आचरेकर की स्मृति में आयोजित एक कार्यक्रम में दिखे थे। इस दौरान उनकी सेहत सामान्य नहीं लग रही थी।कपिल देव और सुनील गावस्कर ने जताई चिंता
भारतीय क्रिकेट के दिग्गजों कपिल देव और सुनील गावस्कर ने कांबली (Vinod Kambli) की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। 1983 विश्व कप विजेता टीम के इन सदस्यों ने कांबली को पुनर्वास सहायता प्रदान करने की पेशकश की है।कांबली की हालिया स्वीकारोक्ति
कांबली (Vinod Kambli) ने हाल ही में खुलासा किया था कि वे पिछले एक महीने से पेशाब से संबंधित समस्या से जूझ रहे हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया, “मुझे पेशाब की समस्या थी, जिसके कारण मैं गिर पड़ा। मेरा बेटा, जीसस क्रिस्टियानो, मुझे उठाने आया। मेरी पत्नी और 10 साल की बेटी ने भी मेरी मदद की। डॉक्टर ने मुझे तुरंत अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी। मुझे तीन अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती होना पड़ा।”क्रिकेट जगत का समर्थन और शुभकामनाएं
कांबली (Vinod Kambli) के कठिन समय में उनके चाहने वाले और साथी क्रिकेटर उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं। क्रिकेट जगत से जुड़ी हस्तियां भी इस मुश्किल समय में उनके समर्थन में आगे आ रही हैं।ब्रेन क्लॉट्स: कारण, लक्षण और उपचार | Brain Clots: Causes, Symptoms & Treatment
ब्रेन क्लॉट्स क्या होते हैं?
मस्तिष्क में रक्त के थक्के बनने की स्थिति को ब्रेन क्लॉट्स कहते हैं। ये थक्के मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं को अवरुद्ध कर देते हैं, जिससे मस्तिष्क के उस हिस्से में रक्त का प्रवाह बाधित हो जाता है। नतीजतन, मस्तिष्क कोशिकाएं ऑक्सीजन और पोषक तत्वों से वंचित रह जाती हैं और क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। यह स्थिति स्ट्रोक का एक प्रमुख कारण है।ब्रेन क्लॉट्स के कारण क्या होते हैं?
- रक्त वाहिकाओं में सख्त पट्टिका का जमा होना: धमनियों में कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों का जमा होना धीरे-धीरे रक्त वाहिकाओं को संकरा कर सकता है और थक्का बनने का खतरा बढ़ा सकता है।
- अनियमित दिल की धड़कन: अतालता या अनियमित दिल की धड़कन से रक्त के थक्के बनने का खतरा बढ़ जाता है।
- रक्त का अधिक गाढ़ा होना: कुछ चिकित्सीय स्थितियों या दवाओं के कारण रक्त अधिक गाढ़ा हो सकता है, जिससे थक्के बनने की संभावना बढ़ जाती है।
- शारीरिक चोट: सिर पर चोट लगने से रक्त वाहिकाएं फट सकती हैं और थक्का बन सकता है।
ब्रेन क्लॉट्स के लक्षण क्या होते हैं? | What are the symptoms of brain clots?
ब्रेन क्लॉट्स के लक्षण अचानक और गंभीर हो सकते हैं। इनमें शामिल हो सकते हैं:- चेहरे, हाथ या पैर का एक तरफ अचानक कमजोरी या सुन्नपन
- अचानक भाषण में समस्या
- अचानक दृष्टि में समस्या
- अचानक चक्कर आना या संतुलन खोना
- अचानक गंभीर सिरदर्द
ब्रेन क्लॉट्स का उपचार कैसे किया जाता है? | How are brain clots treated?
ब्रेन क्लॉट्स का उपचार रोगी की स्थिति की गंभीरता पर निर्भर करता है। कुछ सामान्य उपचार विकल्पों में शामिल हैं:
- थ्रोम्बोलिटिक दवाएं: ये दवाएं रक्त के थक्के को तोड़ने में मदद करती हैं।
- मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी: इस प्रक्रिया में एक विशेष उपकरण का उपयोग करके रक्त के थक्के को हटाया जाता है।
- सर्जरी: कुछ मामलों में, सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है, जैसे कि रक्तस्राव को रोकने या रक्त वाहिकाओं की मरम्मत करने के लिए।
- पुनर्वास: स्ट्रोक से उबरने के लिए भौतिक चिकित्सा, व्यावसायिक चिकित्सा और भाषण चिकित्सा जैसी पुनर्वास सेवाएं आवश्यक हो सकती हैं।
ब्रेन क्लॉट्स को कैसे रोका जा सकता है? | How can brain clots be prevented?
- रक्तचाप नियंत्रित रखें: उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए दवाएं लें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।
- कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम रखें: स्वस्थ आहार लें, नियमित व्यायाम करें और डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं लें।
- मधुमेह को नियंत्रित रखें: रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं लें और स्वस्थ आहार लें।
- धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और थक्का बनने का खतरा बढ़ाता है।
- नियमित व्यायाम करें: नियमित व्यायाम हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।
- स्वस्थ वजन बनाए रखें: मोटापा हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ाता है।