नीट-यूजी के रिजल्ट पर रोक लगने के बाद केंद्र सरकार की ओर से इस पर जल्द सुनवाई के लिए अनुरोध किया गया था, जिसके बाद शुक्रवार शाम को कोर्ट में सुनवाई हुई। सरकार की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, हाईकोर्ट के आदेश से पूरे देश में रिजल्ट पर रोक लग जाएगी, जबकि परीक्षा के दिन बिजली गुल होने की दिक्कत केवल इंदौर के सेंटर्स में हुई थी। ऐसे में पूरे देश का रिजल्ट रोकना सही नहीं होगा।
यह है मामला
4 मई को पूरे देश में नीट-यूजी परीक्षा हुई थी। इंदौर में 24 परीक्षा केंद्र थे। परीक्षा के दिन बदले मौसम के कारण जोरदार वर्षा हुई। 100 किमी प्रतिघंटे से भी ज्यादा गति से हवा चली, जिससे शहर में बिजली और यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो गई। बिजली गुल होने से कई परीक्षा केंद्रों में अंधेरा छा गया था। बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने से कई केंद्रों पर परीक्षार्थियों को मोमबत्ती की रोशनी में परीक्षा देनी पड़ी। कई केंद्रों पर तो मोमबत्ती का इंतजाम भी नहीं था। इस अव्यवस्था को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई थी। जिस पर नीट-यूजी परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) से जवाब मांगा था, लेकिन जवाब नहीं आने पर कोर्ट ने इसके रिजल्ट पर रोक लगा दी थी।
मौसम ने बिगाड़ा था खेल
4 मई को इंदौर के मौसम में हुए बदलाव को उन्होंने एक्ट ऑफ गॉड बताते हुए कहा कि इंदौर में भी कुछ सेंटर्स में ही परेशानी हुई थी। साथ ही पूरे देश का रिजल्ट रोकने के फैसले को बदलने का अनुरोध किया। कोर्ट ने सवाल किया कि क्या इससे छात्रों के भविष्य पर फर्क नहीं पड़ेगा, ये उनके अधिकारों का हनन होगा। जिस पर सॉलिसीटर जनरल ने इसका हल खोजने की बात कही।
छात्रों के भविष्य को लेकर जताई चिंता
दूसरी ओर याचिकाकर्ता की ओर से पेश अभिभाषक मृदुल भटनागर ने इसका विरोध किया। उनका कहना था कि केवल इंदौर का रिजल्ट रोका जाता है, उस स्थिति में रिजल्ट के बाद होने वाली काउंसलिंग में भी छात्रों को परेशानी आएगी। उन्होंने छात्रों के भविष्य को लेकर चिंता जाहिर की। हालांकि कोर्ट ने केंद्र सरकार को अपना जवाब देने को दो दिन का समय देने के साथ ही नीट-यूजी के पूरे देश के रिजल्ट जारी करने पर लगी रोक को हटा लिया। हालांकि कोर्ट ने इंदौर के 11 सेंटर्स जिन पर बिजली गुल होने के कारण परेशानी हुई थी, उनके रिजल्ट पर रोक जारी रखने का फैसला सुनाया।