एक दशक से इंदौर से खंडवा(Indore-Khandwa track) के बीच रेल कनेक्टिविटी खत्म हो गई है। पूर्व में यहां पर मीटरगेज लाइन थी, जो महू से पातालपानी, कालाकुंड, बलवाड़ा, चौरल होकर खंडवा तक जाती थी। अब ब्रॉडगेज लाइन महू से पातालपानी के पहले घूमकर बलवाड़ा तक जा रही है। पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण 32 किमी का घुमाव है, जिसमें 454 हेक्टेयर जमीन वन विभाग की आ रही है। ट्रैक में महू और बड़वाह तहसील की अधिकांश भूमि जमीन आ रही है। उस पर ट्रैक डालने के लिए रेलवे लंबे समय से अनुमति मांग रहा था।
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आखिरकार मध्यप्रदेश के वन विभाग ने सशर्त रेलवे के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसको लेकर सांसद शंकर लालवानी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात कर फाइल के जल्द ही दिल्ली पर्यावरण मंत्रालय को भेजने का आग्रह किया है। इस पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्रालय से भी जल्द ही मंजूरी दिलाने का भरोसा दिलाया। माना जा रहा है कि अगस्त तक रेलवे की बड़ी बाधा खत्म हो जाएगी।
ताई का लंबा संघर्ष
इंदौर खंडवा रेल ट्रैक(Indore-Khandwa track) को पूरा करने के लिए लंबे समय से लोकसभा स्पीकर रहीं सुमित्रा महाजन प्रयास कर रही थीं। वन विभाग में फाइल अटकी हुई थी, जिसको लेकर पिछले दिनों महाजन ने भी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात की थी। इसके अलावा समय-समय पर प्रोजेक्ट के बजट को लेकर भी महाजन ने रेल मंत्री को पत्र लिखा था।
खत्म होगा इंदौर का डेड एंड
इंदौर में आकर ट्रेन का ट्रैक खत्म हो जाता है, लेकिन खंडवा लाइन के पूरे होने से यह डेड एंड खत्म हो जाएगा। भविष्य में इंदौर भी बड़े जंक्शन के रूप में विकसित हो सकता है। खंडवा लाइन शुरू होने से जबलपुर, मुंबई के साथ दक्षिण का रास्ता साफ हो जाएगा। सांसद लालवानी का कहना है कि इंदौर-खंडवा ब्रॉडगेज प्रोजेक्ट इंदौर की कनेक्टिविटी को एक नई ऊंचाई देगा। दक्षिण भारत के बड़े शहरों तक सीधी रेल पहुंच बनेगी, बल्कि व्यापार, पर्यटन और यात्री सुविधाओं में भी बड़ा सुधार होगा।
बढ़कर 80 किमी हो जाएगी इंदौर-खंडवा की दूरी
इंदौर से खंडवा की दूरी मीटरगेज में पहले 48 किमी थी, लेकिन अब बढ़कर 80 किमी हो जाएगी। ब्रॉडगेज का ट्रैक बनाने के लिए पातालपानी के पहले घूमकर ट्रेन बलवाड़ा पहुंचेगी, जिससे 32 किमी की दूरी बढ़ गई है।