फसलों वाली जमीन देने से किया इंकार
इस दौरान किसानों ने अपनी तीन फसलों वाली जमीन किसी भी कीमत पर देने से इनकार कर दिया। गवली पलासिया के किसान शंकर लाल झंडा वाले ने कहा कि, मैंने अपने निजी सुख को त्याग कर पाई-पाई जोड़कर जमीन खरीदी है, यही मेरे परिवार की जीविका का साधन है, अतः मैं किसी भी स्थिति में जमीन नहीं दे सकता। वहीं, केलोद के किसान हुकूम दूधवाला ने कहा कि उनकी तथा उनके कई साथी किसानों की जमीन बेरछा रेंज में गई थी, आज तक मुआवजा के लिए न्यायालय के चक्कर लगाने में विवश है।
एक इंच जमीन भी नहीं दी जाएगी
भारतीय किसान संघ इंदौर के जिला अध्यक्ष राजेंद्र पाटीदार ने कहा कि इंचभर भी जमीन नहीं देने के लिए किसानों को प्रेरित किया तथा भरोसा दिलाया कि वे इस आंदोलन में किसानों के साथ खड़े हैं। ग्राम आंबा चंदन के किसान व पूर्वी रिंग रोड संघर्ष समिति प्रमुख जितेंद्र पाटीदार ने मंच से आह्वान किया कि महू में पहले से ही कई सड़कें है, जिसमें किसान हजारों एकड़ जमीन दे चुके हैं। अब महू तहसील में रिंग रोड की आवश्यकता नहीं है, अतः इस फैसले को रद्द करना ज्यादा उचित होगा।
सीएम के नाम ज्ञापन
नांदेड़ के किसान कान्हा ठाकुर ने कहा कि जिस भाव में जमीन ली जा रही है, उस भाव से तो छोटा भूखंड भी नहीं खरीदा जा सकता। विरोध प्रदर्शन और किसान सभा के बाद एसडीएम राकेश परमार को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन दिया गया। सभा का संचालन सुभाष पाटीदार ने किया, आभार संतोष पाटीदार ने माना।