प्रक्रिया शुरु की जाए
साथ ही साफ कर दिया है कि जिन लोगों ने परीक्षा पास कर ली है, और उनके पास डिग्री नहीं है, उन्हें भी नौकरी पर रखने की प्रक्रिया को शुरू किया जाए। मप्र में खाली पड़े ब्लॉक प्रौद्योगिकी प्रबंधक और सहायक प्रौद्योगिकी प्रबंधक के पदों को भरने के लिए भर्ती शुरू की थी। जिसमें न्यूनतम योग्यता भारतीय कृषि और अनुसंधान परिषद से मान्यता प्राप्त कॉलेज या विवि से डिग्री होना तय की गई थी। इसे कोर्ट में चुनौती दी। 2साल चले केस के दौरान ये बात रखी गई 2017 में राष्ट्रीय कृषि शिक्षा प्रत्यापन बोर्ड ने निर्णय लिया था, जिसमें कॉलेज और यूनिवर्सिटी को आइसीएआर की मान्यता को अनिवार्य की बजाए स्वैच्छिक किया है।
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वहीं, सरकार ने नियमों के अनुसार ही भर्ती प्रक्रिया होने की बात कोर्ट में कही थी। कोर्ट ने सभी तथ्यों को देखने के बाद साफ कर दिया कि ये आवश्यक नहीं, बल्कि स्वैच्छिक है। इसलिए नौकरी में इसकी बाध्यता रखना सही नहीं है। कोर्ट ने प्रदेश के कृषि विज्ञान में पढ़ाने वाले सभी राज्य विवि और निजी विवि को परिषद से मान्यता प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए भी निर्देश जारी किए।