एलिवेटेड कॉरिडोर का विरोध
नौ दिन चले अढ़ाई कोस… की ये कहावत मेट्रो ट्रेन कंपनी पर लागू हो रही है। 17 मई को मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बैठक ली थी, जिसमें जनता और जनप्रतिनिधियों ने शहर में मेट्रो ट्रेन के लिए एलिवेटेड कॉरिडोर का विरोध किया था। तब प्लान बना था कि बंगाली चौराहा से टीआई मॉल तक के लिए भी अंडर ग्राउंड ट्रैक बनाया जाए। इसके 9 माह बाद मेट्रो कंपनी ने नया प्लान पेश किया, जिसे सभी ने खारिज कर दिया। ये भी पढ़ें: एमपी में 40 गांवों के किसानों से ली गई जमीन, अब बिछेगी ‘तीसरी रेल लाइन’ 18 फीट ऊंचा होगा एलिवेटेड कॉरिडोर
कंपनी के अनुसार पलासिया चौराहा पर 18 फीट ऊंचा एलिवेटेड कॉरिडोर होगा जो 56 दुकान के सामने से अंडरग्राउंड जाएगा। 11 बाय 400 मीटर तक उतार रहेगा, जिसके बाद ट्रेन अंडर ग्राउंड दौड़ लगाएगी। इससे 100 फीट चौड़ी एमजी रोड का 35 फीट हिस्सा ट्रैक में चला जाएगा यानी दोनों तरफ 32.5-32.5 फीट चौड़ी सड़क रह जाएगी। मेट्रो कंपनी का कहना है कि पलासिया से इंद्रप्रस्थ चौराहा के बीच करीब 500 मीटर सड़क के दोनों तरफ 16.5 -16.5 फीट की जमीन ली जाएगी। लेकिन यह आसान नहीं है।
1600 करोड़ का गलत है आंकड़ा
मेट्रो ट्रेन कंपनी ने बंगाली चौराहे से टीआइ मॉल के बीच 5.5 किमी अंडर ग्राउंड ट्रैक में 1600 करोड़ का खर्च बताया। इस पर आर्किटेक्ट अतुल सेठ का कहा है कि कंपनी ये तो मूल कीमत बता रही है। वर्तमान में खजराना तक एलिवेटेड बनाकर अंडर ग्राउंड कर दिया जाए तो एक किमी कम हो जाएगा। उसकी कॉस्ट कम हो जाएगी तो एलिवेटेड बनाने में आ रहे 543 करोड़ में से 500 करोड़ बच जाएंगे तो उसे भी कम कर दिया जाए तो 700 से 800 करोड़ का आंकड़ा ही रह जाएगा।