इसकी रिपोर्ट इंदौर उत्थान अभियान समिति ने तैयार की है। समिति ने शहर के प्रमुख लोगों को बुलाकर एलिवेटेड ब्रिज और फ्लायओवर ब्रिजों का तुलनात्मक प्रेजेंटेशन दिया। अध्यक्ष अजीत सिंह नारंग ने बताया, समिति ने प्रेजेंटेशन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, महापौर पुष्यमित्र भार्गव व आइडीए सीईओ आरपी अहिरवार को भी दिखाया।
ये है फ्लायओवर ब्रिज
● एलआइजी चौराहाer ● इंडस्ट्री हाउस, गिटार तिराहा और पलासिया चौराहा ● गीता भवन चौराहा ● शिवाजी वाटिका व जीपीओ चौराहा ● नौलखा चौराहा एक नजर ब्रिजों के बीच की दूरियों पर…..
● 506 मीटर की दूरी एलआइजी चौराहे के ब्रिज के उतार और पलासिया चौराहा ब्रिज की शुरुआत के बीच ● 130 मीटर की दूरी पलासिया चौराहा ब्रिज के उतार और गीता भवन ब्रिज की शुरुआत पर ● 268 मीटर की दूरी गीता भवन चौराहा ब्रिज के उतार और शिवाजी वाटिका चौराहे के ब्रिज शुरुआत की
● 151 मीटर की दूरी शिवाजी वाटिका ब्रिज के उतार और जीपीओ चौराहे के ब्रिज की शुरुआत की। (आइडीए अब दोनों ब्रिजों को मिलाकर बना रहा है।) ● 635 मीटर की दूरी जीपीओ ब्रिज के उतार से नौलखा चौराहा ब्रिज की शुरुआत की।
ऐसे समझें ब्रिज की समस्या
चौराहों पर बनने वाले ओवरब्रिज के उतार और दूसरे ब्रिज के चढ़ाव के बीच की दूरी मायने रखती है। इससे क्षेत्र के वाहन चालक चढते व उतरते भी हैं। दोनों के बीच में दूरी की वजह से दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहेगा। इसके अलावा भविष्य में जब शहर का विस्तार होगा व वाहन बढ़ेंगे तब चौराहों पर ओवरब्रिज समस्या खड़ी करेंगे।
एलिवेटेड ब्रिज के फायदे
रिपोर्ट में एलिवेटेड ब्रिज को आधुनिक व भविष्य के लिए कारगर बताया। समिति का मानना है, ब्रिज की चौड़ाई कम लग रही है तो उसे बढ़ाकर सिक्स लेन कर दिया जाए।
एलिवेटेड पर दिए रास्ते
एलिवेटेड ब्रिज में चढ़ने के लिए भुजा बनाने सुझाए दिए गए हैं। नौलखा, शिवाजी वाटिका और एलआइजी चौराहे पर ब्रिज के दोनों तरफ भुजा बनाने की राय दी है तो कंचन बाग से गीता भवन की तरफ, एमजी रोड से पलासिया चौराहे पर चढ़ने और गिटार चौराहे पर उतरने, इंडस्ट्री हाउस पर चढ़ने की भुजा बनाने का सुझाव दिया है।
चौराहे हो आकर्षक
नौलखा, शिवाजी वाटिका और एलआइजी चौराहों पर आकर्षक रोटरी बनाने की प्लानिंग भी दी है। एलिवेटेड ब्रिज के नीचे पिलर वाले हिस्से में गार्डन तैयार कर सुंदर बनाया जा सकता है।
मोदी के फॉर्मूले पर हो काम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अवधारणा के हिसाब से रिपोर्ट तैयार की गई है। इसमें उन्होंने कहा है कि भारत के आधुनिक व वेल प्लांड शहर ही भारत में भाग्य का निर्धारण करेंगे। इसलिए हमको वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करना होगा। इसके लिए आधुनिक प्लानिंग, बेहतर डिजाइनिंग और मजबूत निर्माण पर काम करना होगा। इनोवेटिव आइडियाज, नई परिभाषाएं, नए पैरामीटर सेट किए जाएं। इसके साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के 60 से 120 मीटर लंबी गर्डर बनाने वाले मलेशिया फॉर्मूले का भी उल्लेख किया।