छोटे भाई को खोया, नहीं टूटा हौसला
रिटायर्ड एयर मार्शल हरीश मसंद ने बताया, 10 दिसंबर को शाम ढलने पर एक मिशन से सीओ विंग कमांडर सुह्रश्वपी ने कार्यालय में बुलाया। यहां उन्होंने खबर दी कि मेरे छोटे भाई लेफ्टिेनेंट जो कि 7 पैरा में पदस्थ थे, उन्हें 8 दिसंबर को जेसोर के आसपास कहीं गोली मार दी गई। जिससे वो शहीद हो गए। इसके बाद विंग कमांडर ने छुट्टी लेने की सलाह दी। मसंद बताते हैं, उन्होंने युद्ध में डटे रहने का फैसला लिया।हमले के बाद गवर्नर ने दे दिया था इस्तीफा
14 दिसंबर 1971 को याद करते हुए एयर मार्शल मसंद ने बताया, ढाका में गर्वनमेंट हाउस पर हमारे हमले के बाद पाकिस्तानी अफसरों में खलबली मच गई। गवर्नर ने इस्तीफा दे दिया। 15 दिसंबर को ढाका यूनिवर्सिटी पर हमला किया और 16 को दुश्मन ने सरेंडर कर दिया।ये भी पढ़ें: एमपी का ये जिला देगा सबसे ज्यादा रोजगार, घर से 10 मिनट की दूरी पर मिलेगी नौकरी