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electricity bill : सरप्लस बिजली बेचने में मप्र पावर मैनेजमेट कंपनी का खेल 16 बढ़ाए, 27 घटाए
आम घरेलू उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ाया गया। पहले 151 से 300 यूनिट तक खपत करने वाले उपभोक्ताओ से प्रति यूनिट छह रूपए 61 पैसे लिए जाते थे। लेकिन इसे 18 पैसे प्रति यूनिट बढ़ा दिया गया। अब नए टैरिफ में घरेलू उपभोक्ताओं से प्रति यूनिट छह रूपए 79 पैसे की वसूली की जाएगी। जबकि प्रदेश के बाहर सरप्लस बिजली बेचने के दामों में भारी गिरावट की है। पहले जहां चार रुपए 58 पैसे प्रति यूनिट की दर से सरप्लस बिजली दूसरे प्रदेशों को बेची जाती थी, वहीं नए टैरिफ में इस रेट को 27 पैसे और कम कर दिया गया। अब सरप्लस बिजली चार रुपए 31 पैसे प्रति यूनिट की दर से बेची जाएगी।
electricity bill : कम्पनी का यह मानना
कम्पनी का मानना है कि प्रदेश में सरप्लस बिजली है। ऐसे में यदि अधिक से अधिक सरप्लस बिजली दूसरे प्रदेशों को बेचनी है, तो अन्य कम्पनियों के मुकाबले रेट कम रखने होते है। इससे अधिक से अधिक सरप्लस बिजली बेची जा सके। यही कारण है कि अधिक से अधिक सरप्लस बिजली बेचने के दामों में कमी की गई है।
electricity bill : दो अन्य कम्पनियाें को भी कम रेट
इधर जानकारी यह भी है कि मैनेजमेन्ट कम्पनी द्वारा पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी और पीथमपुर में एमपीआईडीसी को भी बिजली कम कीमत पर दी जाती है। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के पीजी नाजपंडे समेत अन्य ने बिजली के अलग-अलग रेट को लेकर पूर्व केबिनेट मंत्री लखन घनघोरिया को ज्ञापन सौंपा और घरेलू उपभोक्ताओं को दी जाने वाली दर को कम कराने की मांग की। electricity bill : मप्र पावर मैनेजमेन्ट कम्पनी द्वारा उपभोक्ताओं को दी जाने वाली बिजली महंगी होती है, जबकि सरप्लस बिजली बेचने के रेट कम रखे गए है। यदि उपभोक्ताओं को दी जाने वाली बिजली के रेट में कमी हो, तो उपभोक्ताओं को फायदा होगा और कम्पनी को भी नुकसान नहीं होगा।
- राजेन्द्र अग्रवाल, रिटायर्ड चीफ इंजीनियर, जेनको