रिजल्ट को लेकर विरोधाभास
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया, पहले की एक अन्य याचिका में हाईकोर्ट की अनुमति के बिना रिजल्ट जारी नहीं करने का अंतरिम आदेश था। क्योंकि सरकारी वकील व एमपीपीएससी के वकील ने उक्त याचिका की सुनवाई के दौरान 25 मार्च को कोर्ट क़ो बताया था कि प्रारंभिक परीक्षा 16 फरवरी को हो चुकी है। रिजल्ट जारी नहीं हुआ है। जबकि रिजल्ट 05 मार्च क़ो ही जारी हो चुका है। इस विरोधाभास को देखते हुए 25 मार्च के आदेश में संशोधन करने की आवश्यकता है। तर्कों को गंभीरतापूर्वक लेकर कोर्ट ने एमपी-पीएससी की आगामी मुख्य परीक्षा स्थगित कर दी। अगली सुनवाई 15 अप्रैल को होगी।
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