Jabalpuri Matar : देशभर में ‘स्वाद’ बढ़ा रहा हमारा मटर, फिर भी बोरियों से ‘जबलपुरी मटर’ टैग लापता
Jabalpuri Matar उद्यानिकी विभाग ने इस वर्ष कोई बैठक आयोजित नहीं की। जबकि पूर्व के वर्षों में बकायदा बैठकें होती थी। मटर महोत्सव के आयोजन पर भी चर्चा नहीं है।
Jabalpuri Matar : एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत जबलपुर के मटर की ब्रांडिंग की योजना हवा-हवाई साबित हो रही है। दो साल पहले जोर-शोर मटर की बा्रंडिंग की योजना को उद्यानिकी विभाग ने ही भुला दिया। आधा सीजन बीत चुका है। हजारों क्विंटल मटर देश के विभिन्न हिस्सों में भेजा गया लेकिन ब्राडिंग नहीं हो सकी। व्यापारियों का कहना है कि उद्यानिकी विभाग ने इस वर्ष कोई बैठक आयोजित नहीं की। जबकि पूर्व के वर्षों में बकायदा बैठकें होती थी। मटर महोत्सव के आयोजन पर भी चर्चा नहीं है।
प्रदेश सरकार ने स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए यह योजना शुरू की थी। शुरूआत में इस पर बेहतर काम हुआ। मटर की ब्रॉन्डिंग के लिए कई प्रकार के प्रयास हुए। उनमें बड़ी पहल टैग की थी। व्यापारियों ने भी इसमें सहभागिता की। जबलपुरी मटर का टैग लगाकर ही बोरियों को पैक कर बाहर भेजा जाता था ताकि देश भर जबलपुर के मटर की ब्रांड वेल्यू बन सके।
Jabalpuri Matar : प्रतिदिन 18000 क्विंटल सप्लाई
मटर व्यवसाय से जुड़े लोगों के अनुसार जबलपुर की तीन मंडिय़ों से करीब 35-36000 बोरी माल प्रतिदिन बाहर भेजा जा रहा है। करीब 18000 क्विंटल माल के परिवहन में 600 गाडिय़ां प्रतिदिन लोड की जा रही है। वर्तमान में सबसे ज्यादा मटर उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र में भेजा जा रहा है। ज्ञात हो कि जिले का हरा मटर देश के साथ ही विदेशों में प्रसिद्ध है। इसकी वजह इसकी मिठास है।
Jabalpuri Matar : दो साल से मटर उत्सव का आयोजन भी नहीं
ब्रॉन्डिंग के लिए मटर उत्सव का आयेाजन भी दो साल पहले जिला प्रशासन ने शहर के रेस्टारेंट और होटल्स संचालकों के माध्यम से किया था। इस दौरान मटर से बनने वाले व्यंजनों की जानकारी के साथ ही उन्हें परोसने का काम भी किया गया।
Jabalpuri Matar : अनिवार्य किया गया था टैग
स्थानीय मटर की बोरियों में जबलपुरी मटर का टैग लगाना अनिवार्य किया गया था। जिले में जहां से लीनो बैग सप्लाई होती है, उन कंपनियों को व्यापारियों के माध्यम से अपनी कंपनी के टैग के साथ जबलपुरी मटर का टैग लगाने कहा गया था।
Jabalpuri Matar : मटर के सम्बंध में व्यापारियों के साथ बैठक की गई थी। उन्हें नई मंडी के बारे में बताया गया। यदि टैग नहीं लगाया जा रहा, तो जानकारी ली जाएगी।
नाथूराम, अपर कलेक्टर
Jabalpuri Matar : मटर की ब्रॉन्डिंग के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया। पहले व्यापारियों के साथ बैठकें की गईं, इस बार ऐसा नहीं हुआ। नए बैग में टैग नहीं लगे हैं।
अजीत साहू, अध्यक्ष, व्यापारी संघ
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